Hindi, asked by deepakkr3793, 1 year ago

जीवन में नियमों का पालन करने का क्या महत्व है

Answers

Answered by aakkuisis
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jivan me niyamo ka palan karna jaruri he kyoki
1) Hamara jivan niyamo se hi sudharta he
2) Isse ham anusasit me rahte he
3) Isse har kam niyamit samay se ho jata he
4) Isse me sahi raste pe rahte he
5) Isse ham apne jivan ka lakshya prapt kar sakte he
6) Isse hame apne kam ko samaghne me aasani hoti he

deepakkr3793: अरे यारम
aakkuisis: matlab
deepakkr3793: अरे यार कुछ अच्छा answer दो
aakkuisis: lamba wala kya
aakkuisis: answer
deepakkr3793: हाँ लेकिन बढिया सा
deepakkr3793: जल्दि से emergency hai
aakkuisis: apka answer aa gaya he aap dekh lijeye
mansiyadav68: नियम का पालन ना करने से क्या नुकसान हो सकता है
mansiyadav68: Jaldi sabji hi hi yr line Bolna hai
Answered by sisabedsisabed
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जरा आप खुद से एक सवाल करें – क्या अनुशासन के बगैर एक एथलीट दौड़ की प्रतियोगिता को जीत सकता है? क्या एक कप्तान जहाज को सही ढंग से चला सकता है? एक वायलिन वादक किसी संगीत समारोह में अच्छी तरह से वायलिन बजा सकता है? बिल्कुल नहीं। तो फिर अपने निजी काम में हमें अनुशासन की कमी क्यों नजर आती है? कहने का तात्पर्य यह है कि काम चाहे आसान हो या मुश्किल, व्यक्तिगत हो या सेवा संबंधी, अनुशासन के बगैर उसका सफल संचालन नामुमकिन है, यानी कि उसमें गलती होने की आशंका हमेशा ही बनी रहेगी।

अनुशासन का मतलब है, किसी काम को सही तरीके से संपादित करना। ऐसा करने में हमें अतिरिक्त मेहनत करने की जरूरत पड़ सकती है, पर यह भी सच है कि मंजिल तक पहुंचने का यही एक रास्ता है। जो अनुशासित रहते हुए अपने काम में अथक परिश्रम करते हैं, सफलता उनको ही नसीब होती है। अनुशासन का पालन करना आपके लिए कई बार कष्टप्रद हो सकता है, पर अंततः वह आपको सफलता की ओर ही ले जाता है।

व्यक्ति का स्वभाव ही ऐसा होता है कि वह नतीजे की परवाह किए बिना ही अपनी इच्छा के अनुसार काम करना पसंद करता है और नियमानुसार काम करने की बजाय शॉर्ट कट तरीका अपनाता है या गलत ढंग से सफलता प्राप्त करने की कोशिश करता है। अनुशासन रहित ऐसा प्रयास हो सकता है कि व्यक्ति को क्षणिक सफलता दिला दे, पर आखिरकार इससे नाकामी ही हासिल होती है। इसलिए अपने काम में अनुशासन जरूरी है। तभी काम को पूरा करने का दृढ़ संकल्प भी हमारे मन में बना रहता है। अनुशासन व्यक्ति, समाज और देश दोनों के लिए बेहद जरूरी है।

अगर किसी बच्चे को आप उसकी इच्छानुसार चॉकलेट खाने की आजादी दे दें, तो क्या आप इससे होने वाले दुष्परिणामों की कल्पना कर सकते हैं? लगभग सभी बच्चे चॉकलेट खाना पसंद करते हैं। चॉकलेट खाने की आजादी का परिणाम होता है कि वे बस चॉकलेट खाते ही चले जाते हैं। ऐसे में चॉकलेट खाने की उनकी आदत में अनुशासन कमी नजर आने लगती है। फलस्वरूप वे बीमार पड़ जाते हैं। स्पष्ट है कि यदि अनुशासित ढंग से वे एक या दो चॉकलेट रोजाना खाएं, तो चॉकलेट खाने का सही आनंद उठा सकते हैं। उपर्युक्त उदाहरण जीवन में अनुशासन की जरूरत और महत्ता को दर्शाता है


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