.... जीवन में दूरसंचार का महत्व पर निबंध -250 words
Answers
Answer:
संचार माध्यम का महत्व
किसी भी सूचना, विचार या भाव को दूसरों तक पहुँचाना ही मोटे तौर पर संचार या कम्युनिकेशन कहलाता है। एक साथ लाखों-करोड़ों लोगों तक एक सूचना को पहुँचाना ही संचार या जनसंचार या मास कम्युनिकेशन मीडिया कहलाता है। मानव सभ्यवा के विकास में संचार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वैसे तो सभ्यता के विकास के साथ ही मुनष्य किसी न किसी रूप में संचार करता रहा है। जब आज की तरह टेलीफोन, इंटरनेट आदि की सुविधाएं नहीं थी, तब लोग चिट्ठी लिख कर अपना हाल-समाचार लोगों तक पहुँचाते और दूसरे का समाचार जानते थे। आपको यह जान कर हैरानी होगी कि चिट्ठी लिखने का प्रचलन भी बहुत पुराना नही है। जब डाक व्यवस्था नहीं थी तब लोग संदेश भेजने वालों जिन्हें संवदिया कहा जाता था, के माध्यम से एक गांव से दूसरे गांव तक संदेश भेजते या मंगाते थे।
पुराने समय में राजा के हरकारे पैदल या घोड़े की सवारी करते हुए राजा के संदेश राजधानी से दूसरी जगहों पर ले जाते और वहां से ले आते थे। आपने यह भी कई कहानियों में सुना होगा कि लोग कबूतरों के जरिए अपना संदेश भेजा करते थे। यही व्यवस्था बाद में एक सरकारी विभाग डाक-विभाग-बनाकर सबके लिए सुलभ कर दी गई थी। अब हर कोई एक निश्चित शुल्क देकर अपना संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से भेज सकता है। अब तो डाक व्यवस्था में इतने आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाने लगा है संदेश तार के जरिए पलक झपकते एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा दिया जाता है।
क्या आप जानते है। कि तार जिस मशीन से भेजा जाता है उसका ही विकसित रूप टेलीप्रिंटर कहा जाता है। इसके अलावा फैक्स, ई-मेल के जरिए पलक झपकते सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है। इन उपकरणों के आ जाने से सिर्फ डाक प्रणाली में नहीं बल्कि संचार माध्यमों को सूचनाएं इकट्ठी करने और प्रसारित करने में भी काफी सुविधा हुई है। इन उपकरणों के बारे में हम पहले पढ़ चुके है।
संचार का अर्थ सिर्फ व्यक्ति का अपना हाल-समाचार दूसरों तक पहुंचाने तक सीमित नहीं है। हर व्यक्ति अपने या अपने संबंधियों की सूचनाएं जानने के अलावा देश-दुनिया की खबरों के बारे में जानने का इच्छुक होता है। उसके आस-पास क्या हो रहा है, दुनिया में कहों क्या घटना घट रही है, सबकी जानकारी प्राप्त करना चाहता है। सूचनाओं की इसी भूख के चलते संचार माध्यमों का लगातार विकास और विस्तार होता गया। आज अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव होता है या ईराक में लड़ाई छिड़ती है तो हर किसी की निगाह उस ओर लगी रहती है कि वहां क्या हो रहा होता है। वह हर पल की खबरें जानना चाहता है।
Explanation:
Mark my ans as brainliest and thanx my ans
प्रस्तावना : आधुनिक युग में विज्ञान के नवीन आविष्कारों ने विश्व में क्रान्ति सी ला दी है। वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता से एक छोर पर मौजूद व्यक्ति दुनिया के दूसरे छोर से बातें करने में सक्षम है। दूरसंचार के क्षेत्र में ‘कंप्यूटर नेटवर्क’ के माध्यम से देश के ही नहीं बल्कि विश्व के भी लगभग सभी मुख्य नगर एक-दूसरे से जुड़ चुके हैं। दूरसंचार से लोगों को देश की हर गतिविधि सामाजिक¸ राजनीति¸ आर्थिक एवं सांस्कृतिक जानकारी मिलती है। हर परिस्थितियों में सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों से जनसाधारण को अवगत कराने की जिम्मेदारी भी दूरसंचार को ही वहन करनी पड़ती है।
दूरसंचार का कार्यक्षेत्र : प्राचीनकाल में सन्देशों के आदान-प्रदान में बहुत समय लग जाया करता था परन्तु अब समय की दूरी घट गई है। अब टेलीफोन¸ मोबाइल फोन¸ टेलीग्राम¸ प्रेजर¸ तथा फैक्स के द्वारा क्षण भर में सन्देश और विचारों का आदान-प्रदान किया जा सकता है। अब तक समाचार को टेलीप्रिंटर¸ रेडियो अथवा टेलीविजन द्वारा कुछ ही क्षणों में विश्व भर में प्रेषित किया जा सकता है।
रेडियो : आधुनिक काल में रेडियो दूरसंचार का एक प्रमुख साधन है खासकर दूरदराज के उन क्षेत्रों में जहाँ अभी तक बिजली नहीं पहुँच पाई है या जिन क्षेत्रों के लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। भारत में सन् 1923 में रेडियो के प्रसारण के प्रारम्भिक प्रयास और 1927 ई0 प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरूआत के बाद से अब तक इस क्षेत्र में अत्यधिक प्रगति हासिल की जा चुकी है और इसका सर्वोत्तम उदाहरण एफ0एम0 रेडियो प्रसारण है जिसमें आवृत्ति को प्रसारण ध्वनि के अनुसार मॉड्यूल किया जाता है।
टेलीविजन : टेलीविजन का आविष्कार सन् 1925 में जे0 एल0 बेयर्ड ने किया था। आजकल यह दूरसंचार का प्रमुख साधन बन चुका है। पहले इस पर प्रसारित धारावाहिकों एवं सिनेमा के कारण यह लोकप्रिय था। बाद में कई न्यूज चैनलों की स्थापना के साथ ही यह दूरसंचार का एक ऐसा सशक्त माध्यम बन गया जिसकी पहुँच करोड़ों लोगों तक हो गई। भारत मे इसकी शुरूआत सन् 1959 में हुई थी। वर्तमान में तीन सौ से अधिक टेलीविजन चैनल चौबीसों घण्टे विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रसारित कर दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं।
कम्प्यूटर तथा इण्टरनेट : इण्टरनेट दूरसंचार का एक नवीन इलेक्ट्रॉनिक माध्यम है। इसका आविष्कार 1969 में हुआ था। इसके बाद से अब तक इसमें काफी विकास हो चुका है। इण्टरनेट वह जिन्न है जो व्यक्ति के सभी आदेशों का पालन करने को तैयार रहता है। विदेश जाने के लिए हवाई जहाज का टिकट बुक कराना हो¸ किसी पर्यटन स्थल पर स्थित होटल को कोई कमरा बुक कराना हो¸ किसी किताब का ऑर्डर देना हो¸ अपने व्यापार को बढाने के लिए विज्ञापन देना हो अपने मित्रों से ऑनलाइन चैटिंग करनी हो¸ डॉक्टरों से स्वास्थ्य सम्बन्धी सलाह लेनी हो या वकीलों से कानूनी सलाह लेनी हो इण्टरनेट हर मर्ज की दवा है। इण्टरनेट ने सरकार¸ व्यापार और शिक्षा को नए अवसर दिए हैं। सरकार अपने प्रशासनिक कार्यों के संचालन¸ विभिन्न कर प्रणाली¸ प्रबन्धन और सूचनाओं के प्रसारण जैसे अनेकानेक कार्यों के लिए इण्टरनेट का उपयोग करती है। कुछ वर्ष पहले तक इण्टरनेट व्यापार और वाणिज्य में प्रभावी नहीं था लेकिन आज सभी तरह के विपणन और व्यापारिक लेन-देन इसके माध्यम से सम्भव हैं।
उपसंहार : दूरसंचार के माध्यम से हर क्षेत्र सुगम हो चुका है। इसके द्वारा अपने विचारों को कुछ ही क्षणों में विश्व भर में कहीं भी प्रेषित कर सकते हैं। आज इसे वैज्ञानिक तकनीक ने और भी सुगम और आसान बना दिया है। दूरसंचार या मीडिया के माध्यमों के द्वारा ताजातरीन खबरें और मौसम सम्बन्धी जानकारियाँ हमें आसानी से प्राप्त हो रही हैं।
Explanation:
- Please mark me as brainliest answer
- Thanks my answer
- Don't forget to follow me