जीवन में वीरता किन किन स्थितियों में दिखाई देती है आंसर दीजिए
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भय जब स्वभावगत हो जाता है, तब भीरुता या कायरता कहलाता है। कष्ट न सह पाने की भावना और अपनी शक्ति पर अविश्वास ही कायरता के मूल कारण हैं। जीवन में भीरुता या कायरता अनेक स्थितियों में देखी जा सकती है। पुरुषों में पाई जाने वाली भीरुता निन्दनीय होती है। स्त्रियों की भीरुता उनकी लज्जा की स्थिति में दिखाई देती है। व्यापारी अर्थहानि के भय से विशेष व्यवसाय में हाथ नहीं डालते। पण्डित परास्त होने के भय से शास्त्रार्थ से मुँह चुराते हैं।
जंगली और असभ्य जातियों में भीरुता श्रेष्ठ की पूजा करने की स्थिति में दिखायी देती है। बच्चों में अपरिचय की स्थिति में भय दिखाई देता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि भीरुता अनेक स्थितियों में दिखाई देती है,जो मानव का दोष है। एक और प्रकार की भीरूता है, जिसे धर्मभीरुता कहते हैं, जिसकी प्रशंसा होती है। लेकिन शुक्लजी धर्म से डरने वालों की अपेक्षा धर्म की ओर आकर्षित होने वालों की प्रशंसा करते हैं। इस प्रकार हम पाते हैं कि जीवन में भीरुता स्वभावगत, लज्जा, अर्थहानि, सम्मान हानि, अपरिचय आदि की स्थितियों में दिखाई देती है।