जीवन रूपी शाळेने कवीला काय शीकवले
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प्रयोग के आधार पर पद परिचय आठ प्रकार के होते हैं-
(1) संज्ञा (2) सर्वनाम (3) विशेषण (4) अव्यय (5) क्रियाविशेषण (6) क्रिया (7) संबंधबोधक (8) समुच्चयबोधक
(1) संज्ञा का पदपरिचय:- वाक्य में संज्ञापदों का पदपरिचय करते समय संज्ञा, संज्ञा के भेद, लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया या अन्य पदों के साथ उसका संबंध बतलाना आवश्यक है।
उदाहरण1- हिमालय भारत का पहाड़ है। उपर्युक्त वाक्य में 'हिमालय' 'भारत' और 'पहाड़' संज्ञापद है।
इनका पदपरिचय निम्नलिखित तरीके से किया जाएगा-
हिमालय : व्यक्तिवाचक संज्ञा, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक 'है' क्रिया का कर्ता है।
भारत : व्यक्तिवाचक संज्ञा, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, संबंधकारक इस पद का संबंध 'पहाड़' से हैं।
पहाड़ : जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक।
दूसरा उदाहरण- लंका में राम ने वाणों से रावण को मारा।
इस वाक्य में 'लंका'