Hindi, asked by anilagrawal111978, 5 months ago

ज्यों निकलकर बादलों को गोद से,
थी अभी इक बूँद कुछ आगे बढ़ी।
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी
आह, क्यों घर छोड़कर में यों कदी
देव मेरे भाग्य में है क्या बदा,
मैं बनूंगी या मिलूंगी धूल में,
जल उलूंगी गिर अँगारे पर किसी,
चू पडूंगी या कमल के फूल में।
वह उठी उस काल इक ऐसी हवा,
वह समंदर ओर आई अनमनी।
एक सुंदर सीप का था मुंह घुला,
वह उसी में जा गिरी, मोती बनी।
लोग अकसर हैं झिझकते-सोचते,
जबकि उनको छोड़ना पड़ता। घर ।
किंतु घर को छोड़ना अकसर उन्हें,
बूंद लों कुछ और ही देता है कर।
क, बूंद किसकी गोद से निकलकर आगे बढ़ी?
ख. बूंद अपने भाग्य के विषय में क्या सोचने लगी
ग. वह कहाँ जा गिरी?
घ. घर छोड़ते समय लोगों की मन की स्थिति क्या होती है?
ड. उचित शीर्षक दीजिए।​

Answers

Answered by basantgos36g
2

बादलों, पहले का उत्तर हैं।

Answered by rajkmr669
0

Answer:

1 बादलों की

5 ज्यों निकल कर बादलों की गोद से

Explanation:

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