ज्योति की वाक्य सूचना
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Examples and usage of ज्योति in prose and poetry
ज्योति (Word) वाक्यांश का उपयोग आलेख/ गद्य में
"रुप की ज्योति ने दरो दीवार को रोशान कर दिया।"
- ज्योति शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी इज्ज़त का ख़ून इस प्रकार किया है.
"हार की चमक से उसकी मुख-ज्योति चमक उठी थी।"
- ज्योति शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी कौशल इस प्रकार किया है.
"उसकी आशा की धुंधली ज्योति हवा के एक झोंके से बुझ गयी।"
- ज्योति शब्द का उपयोग भगवानचंद्र विनोद ने अपनी कहानी खंजड़ी की खनक इस प्रकार किया है.
Usage of "ज्योति": Examples from famous English Poetry
ज्योति (Word) शब्द का उपयोग कविता/ पद्य में
"प्रज्वलित करदीप अन्तर्मन काकलुषित विचार,को त्यागो,मन ज्योति सेरोशन करसंसार से अंधकारतुम मिटा दो।"
"प्रज्वलित करदीप अन्तर्मन काकलुषित विचार,को त्यागो,मन ज्योति सेरोशन करसंसार से अंधकारतुम मिटा दो।" ज्योति" शब्द का उपयोग अमित कुमार सिंह ने अपनी कविता . में इस प्रकार किया है.
"अपने ज्ञान की ज्योति से।"
"अपने ज्ञान की ज्योति से।" ज्योति" शब्द का उपयोग अनुज नरवाल रोहत ने अपनी कविता बाल कविताएं. में इस प्रकार किया है.
"बह उठे ज्योति की धार ।"
"बह उठे ज्योति की धार ।" ज्योति" शब्द का उपयोग रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' ने अपनी कविता बह उठे ज्योति की धार. में इस प्रकार किया है.