Hindi, asked by rajeshwarijogi861, 4 hours ago

जायसी की काव्य कला को विस्तार से समझाइए​

Answers

Answered by sanjaysawara26
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Explanation:

jaysi ki kavya kala ko vistaar see damjhaiye

Answered by kamlesh678
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Answer:

जायसी ने अलंकारों के प्रयोग में पूर्ण उदारता से काम लिया है। रूप-वर्णन, युद्ध, प्रकृति-चित्रण तथा आध्यात्मिक तत्वों की रहस्य-योजना में अलंकारों की पूरी सहायता ली गई है। आपके प्रिय अलंकारों में उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, रूपकातिशयोक्ति आदि का विशेष रूप से प्रयोग हुआ है। जायसी हिन्दी के प्रथम महाकाव्य के रचयिता हैं।

Explanation:

प्रेमाख्यानक काव्यों की इस विस्तृत परम्परा में सर्वाधिक महत्व जायसी के ‘पद्मावत’ का है। इस काव्य की गुरूता और महानता निसन्देह बड़ी ही कलापूर्ण है। ये महाकाव्य व्यापक जातीय जीवन का महाकाव्य है। इस कृति का महत्व ऐतिहासिक दृष्टि से भी है और काल्पनिक दृष्टि से भी ‘पद्मावत’ महाकाव्य में मलिक मुहम्मद जायसी ने जहाँ एक ओर भावों की सुन्दर नियोजना की है वहीं दूसरी अपनी उत्कृष्ट कलात्मक प्रतिभा का परिचय भी दिया है।

उनकी इन विशेषताओं को हम निम्नांकित दृष्टि से दर्शा सकते हैं-

1. बोलचाल सजीव एवं जीवन्त अवधी भाषा

2. विविधतापूर्ण शैली

3. अलंकार निरूपण

4. छन्द योजना

निष्कर्ष- इस प्रकार स्पष्ट है कि जायसी के पद्मावत में विभिन्न घटनाओं का वर्णन होकर भी सुसम्बद्धता है। रोमांचक कार्यों का उल्लेख होकर भी स्वाभाविकता है। अति मानवीय तत्वों का समावेश होकर भी जीवन की यथार्थता है। इसमें भौतिकता के साथ-साथ आध्यात्मिकता है, सूफी पद्धति का प्रभाव होने पर भी भारतीयता का उच्च आदर्श है। जायसी का पद्मावत मानव जीवन की विविधता के साथ-साथ रसात्मक वर्णनों एवं आध्यात्मिक संकेतों से परिपूर्ण एक सफल काव्य है।

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