jaal sanrakshan ke upyogita par vigyapan
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जैसे की हम सब जानते हैं की जल हमें और अन्य सभी जीव जंतुओं को ही जीवन देता है। पानी के बिना इस पृथ्वी में जीना असंभव है। आज के दिन तक पृथ्वी ही एक मात्र ग्रह है जहाँ पानी है। हमें कभी भी पानी के महत्व को भूलना नहीं चाहिये और इसकी बचत करने के लिए जितना हो सके करना चाहिए।
पृथ्वी आ लगभग ज्यादातर हिस्सा पानी है परन्तु उसमें से पीने का पानी बहुत कम है। हमें उसी पीने के पानी का संरक्षण करना होगा नहीं तो पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व मिट जाएगा। पानी के बचत को एक कार्य के जैसे ना मान कर कर्त्तव्य के रूप में करना होगा।
मनुष्य ऑक्सीजन, पानी और खाना के बिना नहीं जी सकता है। इन 3 मूल्यवान चीजों में पानी का महत्व सबसे अधिक है।
प्रश्न तो यह होना चाहिए की पृथ्वी में पीने का पानी कितना है और हमें इसका संरक्षण कैसे करना होगा? आंकड़ों के अनुसार पृथ्वी में 71 प्रतिशत पानी है परन्तु उसमें से मात्र 1 प्रतिशत जल ही पीने लायक है।
अगर हम विश्व की पूरी जनसँख्या के साथ पीने के पानी का अनुपात निकालें तो पता चलता है 1 गैलन पानी का उपयोग प्रतिदिन 1 अरब लोग कर रहे हैं। यह भी अनुमान लगाया जा चूका है कि 3 अरब से भी ज्यादा लोग 2025 तक पानी की कमी से पीड़ित होंगे।
हाला की लोगों को थोडा-थोडा पानी का महत्व समझने आने लगा है परन्तु अभी मनुष्य ने पूरी तरीके से पानी को संरक्षित रखना नहीं सिखा है। जल का संरक्षण आज से ही लोगों को करना शुरू करना होगा क्योंकि ऐसे ही पानी बर्बाद होता रहा तो वो दिन दूर नहीं है जब दुनिया में पानी की समस्या सर पर होगी।
कुछ वर्षों पहले पानी को कोई नहीं बेचता था पर आज अगर आप देखेंगे तो कई कंपनियों ने इसको बेचना शुरू कर दिया। क्योंकि सभी जगह स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं है इसलिए पानी लोग खरीद कर पीते हैं। आज एक पानी के 1 लीटर बोतल का दाम 20-25 रुपए हो चूका है। अगर जल संरक्षण और जल को स्वच्छ नहीं रखा जायेगा तो वो दिन दूर नहीं जब 1 लीटर बोतल को 100-200 रुपए दे कर खरीदना पड़े।
कई लाख लोग प्रतिवर्ष जल के दूषित होने के कारण बिमारियों से मर रहे हैं।अखबार के एक पेज को बनाने में 13 लीटर पानी बर्बाद होता है तो सोचिये पुरे विश्व में कितना होता होगा।हर 15 सेकंड में एक बच्चा जलजनित रोग से मर
पानी की बचत / जल संरक्षण के लिए कुछ ज़बरदस्त टिप्स या आईडिया हैं –
सबसे पहले तो हम सभी को मिल कर कसम खाना होगा की आज से हम पानी को बर्बाद नहीं करेंगे और जितना हो सके उतना जल संरक्षण करेंगे।अगर पुरे पृथ्वी में सभी लोग थोडा थोडा पानी भी बचायेंगे इसे फालतू का नहीं बहायेंगे तो सोचिये कितना पानी हम एक दिन में संरक्षित कर सकते हैं।हम चाहें तो बारिश के पानी को शौच, कपडे धोने, बगीचे में पानी देने, और नहाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।हमें स्वच्छ पीने के पानी को शौचालय और नहाने में बर्बाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने के कारन धीरे-धीरे जल स्थर कम होते जा रहा है।हम बारिश के पानी का संग्रहण भी कर सकते है जिसको हम पीने और खाने के अलावा सभी प्रकार के काम में लगा सकते हैं।अगर हम नहाते समय शावर की जगह नहाने के लिए बाल्टी का उपयोग करें तो हम 100-200 लीटर पानी प्रतिदिन बचा सकते हैं।नल के इस्तेमाल के बाद उसे टाइट से बंद करें क्योंकि पानी गिरते रहने से बहुत बर्बाद हो जाता है और हमें पता भी नहीं चलता।हमें अपने गाँव, मोहल्ले और शहर में जल संरक्षण पर नारों के साथ लोगों को पानी को बचाने के फायदों के बारे में बताना चाहिए।ज्यादातर पेड़-पौधे बारिश के महीने में लगायें ताकि पौधों को प्राकृतिक रूप से पानी मिल सके।हमें हाँथ, फल सब्जियों को दोने के लिए मग में पानी लेना चाहिए क्योंकि नल से दोने पर बहुत पानी बर्बाद हो जाता है।
बूंद-बूंद नहीं बरतेंगे, तो बूँद-बूँद को तरसेंगे।
जल है तो कल है, यह हमारे लिए कुदरत की देन है।
हाथ से हाथ मिलाना है पानी को बचाना है।
जल है जीवन का अनमोल रतन, इसे बचाने का करो जतन।जल ही जीवन है।
जल हमारे लिए सोना है, इसे कभी नहीं खोना है।
बारिश के पानी को बचाना है, घरेलु कामों में लगाना है।
जल संरक्षण की लायें सोच, नहीं तो पानी के लिए तरसेंगे रोज़।
पानी को माने अनमोल, क्योंकि यही है जीवन का असली मोल।लाल पीला हरा नीला, इस होली खेलेंगे रंग ना हो कर गीला।
आओ सब मिल कर कसम खाएं, बूँद-बूँद पानी को बचाएं।
चलो हम हम सब मिल कर संकल्प लें, पानी को नीचे ना बहने दें।
नल से टिप-टिप पानी गिरने ना दें, पानी को बर्बाद होने ना दें।
write by BhumhiharchoraAkash
पृथ्वी आ लगभग ज्यादातर हिस्सा पानी है परन्तु उसमें से पीने का पानी बहुत कम है। हमें उसी पीने के पानी का संरक्षण करना होगा नहीं तो पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व मिट जाएगा। पानी के बचत को एक कार्य के जैसे ना मान कर कर्त्तव्य के रूप में करना होगा।
मनुष्य ऑक्सीजन, पानी और खाना के बिना नहीं जी सकता है। इन 3 मूल्यवान चीजों में पानी का महत्व सबसे अधिक है।
प्रश्न तो यह होना चाहिए की पृथ्वी में पीने का पानी कितना है और हमें इसका संरक्षण कैसे करना होगा? आंकड़ों के अनुसार पृथ्वी में 71 प्रतिशत पानी है परन्तु उसमें से मात्र 1 प्रतिशत जल ही पीने लायक है।
अगर हम विश्व की पूरी जनसँख्या के साथ पीने के पानी का अनुपात निकालें तो पता चलता है 1 गैलन पानी का उपयोग प्रतिदिन 1 अरब लोग कर रहे हैं। यह भी अनुमान लगाया जा चूका है कि 3 अरब से भी ज्यादा लोग 2025 तक पानी की कमी से पीड़ित होंगे।
हाला की लोगों को थोडा-थोडा पानी का महत्व समझने आने लगा है परन्तु अभी मनुष्य ने पूरी तरीके से पानी को संरक्षित रखना नहीं सिखा है। जल का संरक्षण आज से ही लोगों को करना शुरू करना होगा क्योंकि ऐसे ही पानी बर्बाद होता रहा तो वो दिन दूर नहीं है जब दुनिया में पानी की समस्या सर पर होगी।
कुछ वर्षों पहले पानी को कोई नहीं बेचता था पर आज अगर आप देखेंगे तो कई कंपनियों ने इसको बेचना शुरू कर दिया। क्योंकि सभी जगह स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं है इसलिए पानी लोग खरीद कर पीते हैं। आज एक पानी के 1 लीटर बोतल का दाम 20-25 रुपए हो चूका है। अगर जल संरक्षण और जल को स्वच्छ नहीं रखा जायेगा तो वो दिन दूर नहीं जब 1 लीटर बोतल को 100-200 रुपए दे कर खरीदना पड़े।
कई लाख लोग प्रतिवर्ष जल के दूषित होने के कारण बिमारियों से मर रहे हैं।अखबार के एक पेज को बनाने में 13 लीटर पानी बर्बाद होता है तो सोचिये पुरे विश्व में कितना होता होगा।हर 15 सेकंड में एक बच्चा जलजनित रोग से मर
पानी की बचत / जल संरक्षण के लिए कुछ ज़बरदस्त टिप्स या आईडिया हैं –
सबसे पहले तो हम सभी को मिल कर कसम खाना होगा की आज से हम पानी को बर्बाद नहीं करेंगे और जितना हो सके उतना जल संरक्षण करेंगे।अगर पुरे पृथ्वी में सभी लोग थोडा थोडा पानी भी बचायेंगे इसे फालतू का नहीं बहायेंगे तो सोचिये कितना पानी हम एक दिन में संरक्षित कर सकते हैं।हम चाहें तो बारिश के पानी को शौच, कपडे धोने, बगीचे में पानी देने, और नहाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।हमें स्वच्छ पीने के पानी को शौचालय और नहाने में बर्बाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने के कारन धीरे-धीरे जल स्थर कम होते जा रहा है।हम बारिश के पानी का संग्रहण भी कर सकते है जिसको हम पीने और खाने के अलावा सभी प्रकार के काम में लगा सकते हैं।अगर हम नहाते समय शावर की जगह नहाने के लिए बाल्टी का उपयोग करें तो हम 100-200 लीटर पानी प्रतिदिन बचा सकते हैं।नल के इस्तेमाल के बाद उसे टाइट से बंद करें क्योंकि पानी गिरते रहने से बहुत बर्बाद हो जाता है और हमें पता भी नहीं चलता।हमें अपने गाँव, मोहल्ले और शहर में जल संरक्षण पर नारों के साथ लोगों को पानी को बचाने के फायदों के बारे में बताना चाहिए।ज्यादातर पेड़-पौधे बारिश के महीने में लगायें ताकि पौधों को प्राकृतिक रूप से पानी मिल सके।हमें हाँथ, फल सब्जियों को दोने के लिए मग में पानी लेना चाहिए क्योंकि नल से दोने पर बहुत पानी बर्बाद हो जाता है।
बूंद-बूंद नहीं बरतेंगे, तो बूँद-बूँद को तरसेंगे।
जल है तो कल है, यह हमारे लिए कुदरत की देन है।
हाथ से हाथ मिलाना है पानी को बचाना है।
जल है जीवन का अनमोल रतन, इसे बचाने का करो जतन।जल ही जीवन है।
जल हमारे लिए सोना है, इसे कभी नहीं खोना है।
बारिश के पानी को बचाना है, घरेलु कामों में लगाना है।
जल संरक्षण की लायें सोच, नहीं तो पानी के लिए तरसेंगे रोज़।
पानी को माने अनमोल, क्योंकि यही है जीवन का असली मोल।लाल पीला हरा नीला, इस होली खेलेंगे रंग ना हो कर गीला।
आओ सब मिल कर कसम खाएं, बूँद-बूँद पानी को बचाएं।
चलो हम हम सब मिल कर संकल्प लें, पानी को नीचे ना बहने दें।
नल से टिप-टिप पानी गिरने ना दें, पानी को बर्बाद होने ना दें।
write by BhumhiharchoraAkash
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