जब भी
भूख से लड़ने
कोई खड़ा हो जाता है
सुंदर दिखने लगता है।
झपट्ता बाज
फन उठाएं सांप
दो पैरों पर खड़ी
कांटो से नन्हीं पत्तियां खाती बकरी
दबे पांव झाड़ियों में चलता चीता
डाल पर उल्टा लटक
फल कुतरता तोता
या इन सब की जगह
आदमी होता।
जब भी
भूख से लड़ने
कोई खड़ा हो जाता है
सुंदर दिखने लगता है।
प्रश्न:-
क)- इस कविता से क्या प्रेरणा मिलती है ?
ख)- झपटते बाज़ और फन उठाएं सांप में कवि को सौंदर्य क्यों नजर आता है ?
ग)- आदमी कब सुंदर दिखता है ?
घ)- कवि ने विभिन्न पशु पक्षियों को किन मुद्राओं में दिखाया है और क्यों ?
Answers
क)- इस कविता से क्या प्रेरणा मिलती है ?
➲ इस कविता से ये प्रेरणा मिलती है कि विषम परिस्थितियों से लड़ना चाहिए और लड़ने वाले का सम्मान होता है।
ख)- झपटते बाज़ और फन उठाएं सांप में कवि को सौंदर्य क्यों नजर आता है ?
➲ झपटते बाज और फन उठाए साँप में कवि को सौंदर्य इसलिये नजर आता है क्योंकि वे भूख से लड़ रहे हैं, और भूख लड़ने वाला हर व्यक्ति सुंदर होता है।
ग)- आदमी कब सुंदर दिखता है ?
➲ आदमी तब सुंदर दिखता है, जब वह भूख से लड़ने के लिए खड़ा हो जाता है, ये संघर्ष से लड़ने का प्रतीक है।
घ)- कवि ने विभिन्न पशु पक्षियों को किन मुद्राओं में दिखाया है और क्यों ?
➲ कवि ने विभिन्न पशु पक्षियों को अलग-अलग मुद्राओं में दिखाया है, जैसे फन उठाये साँप, झपटता बाज, दो पैरों पर खड़ी कांटों से नन्ही पत्तिया खाती बकरी, दबे पाँव झाड़ियों में चलता चीता, डाल पर उल्टा लटक फल कुतरता तोता आदि।
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