Science, asked by nareshkapoor419, 7 months ago

जब चींटी काटती है, तो त्वचा पर कैलेमाइन का विलयन लगाया जाता है।

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Answered by Bhavyalohani
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Answer:

घर में कहीं भी कोई मीठी चीज पड़ी हो या कोई और खाने वाली चीज सबको यही डर रहता है कि कहीं इसमें चींटियाँ न लग जायें। चींटी शायद जीवों की जितनी प्रजातियाँ होती हैं उनमे से यह सबसे छोटी जीव होती हैं। चींटी दिखती भले ही छोटी हैं परन्तु इसके काटने पर दर्द बहुत ज्यादा होता हैं। खासतौर से अगर लाल चींटी ने आपको काट लिया हो। लाल चींटी, बर्र के डंक आदि में फार्मिक अम्ल होता है। चींटी इस फ़ॉर्मिक अम्ल को त्वचा में प्रवेश करा देती है जिससे तेज जलन होती है। इससे तेज एलर्जिक रिऐक्शन हो सकता है।

Answered by Shazia055
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जब चींटी काटती है, तो त्वचा पर कैलेमाइन का विलयन लगाया जाता है क्योंकि यह चींटी के काटने से होने वाली खुजली और जलन को शांत करता है।

Explanation:

  • चींटी जब काटती है तो खुजली और जलन होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चींटी के डंक में फॉर्मिक एसिड होता है।
  • इस अम्ल के कारण जलन और खुजली होती है।
  • कैलेमाइन के विलयन में जिंक ऑक्साइड और फेरिक ऑक्साइड होता है।
  • दोनों यौगिक उभयचर हैं। वे फॉर्मिक एसिड के साथ प्रतिक्रिया करके उसे उदासीन कर देते हैं।
  • इस प्रकार, फार्मिक एसिड के कारण होने वाली खुजली या जलन ठीक हो जाती है।
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