जब गरजे मेघ पपीहा पिक बोले डोले गुलजारो मे लेकिन काँटो की झारी मे बुलबुल का गान कही सुनदर तेरी मुसकान कही सुनदर
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संदर्भ करना है
जब गरजे मेघ पपीहा पिक बोले डोले गुलजारो मे लेकिन काँटो की झारी मे बुलबुल का गान कही सुनदर तेरी मुसकान कही सुनदर?
इसका भावार्थ यह है की यहाँ पर बादलों से गरजते हुई बिजली के मन की बात को यहाँ पर दर्शाया गया है , जब बादल आसमान में गरजते हैं तो आसमान में गरजने वाले बादलों को देखकर पपिया है वह हम अपनी मस्ती में बोले लग जाता है , मतलब उसे आनंद की अनुभूति होने लगती है वह अपनी ख़ुशी को प्रकट करता है|
विचरण करने लगता है कांटो की जोड़ी में बुलबुल का गोल उसी तरफ कटीली झाड़ियाँ है उन्हें झाड़ियों में जो बुलबुल है मैना है वह मैना भी गीत गा रही है| जैसे पपिया बोल रहा है न उसकी भिया को देखकर वह भी क्या करने लग जाती है , गीत गाने लग जाती है कहीं सुंदर तेरी मुस्कान फिर आने बताया है बुलबुल के गाने देखकर के गाने को देखकर उसके गीत को देखकर नायक और नायिका की मुस्कान को दर्शाया गया है|