Jab ham chaar rano se pichad rahe the anuched
(please write it don't type and in neat handwriting)
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Explanation:
खिलाड़ियों के लिए तो यह प्रतिष्ठा का ही नहीं वरन् जीवन-मरण के प्रश्न जैसा प्रतीत हो रहा था। ... महसूस करो कि यह मेरे जीवन का सबसे यादगार लम्हा है। इसके साथ ही मैं तनावरहित होकर जीत की दिशा में अग्रसर हो गया। कुछ देर में ही मैं टीम का हीरो बन गया, जब मैंने दनादन दो गोल दागकर प्रतिपक्षी टीम को हरा दिया।
MARK ME AS BRAINLIEST
Answer:
जब हम 4 रनों से पिछड़ रहे थे अनुच्छेद
मुझे आज भी वह दिन याद है जब हमारी टीम क्रिकेट मैच में 4 रनों से पिछड़ रहे थे| दोनों टीमों की को पता नहीं था क्या होने वाला है| कौन सी टीम जीतेगी| हमारी टीम से बहुत मेहनत की थी| हम सब ने उस समय हार मान ली थी| जैसे-जैसे समय बीत रहा था| बोले आ रही थी थी और रन नहीं बना पा रहे थे| मैदान में दोनों खिलाड़ी बहुत तनाव में थे| सामने वाली टीम 4 रन बनाने नहीं दे रही थी| मैच की आखिरी गेंद थी| हम सब लोग हैरान थे कि इस आखिरी गेंद में क्या होगा| जो किसी ने नहीं सोचा वह हुआ आखिरी गेंद में चौका मारा| हम सब देखते रह गए | अंत में हमारी टीम मैच जीत गई| हिम्मत और आत्मविश्वास से हम आसानी से सफलता पा सकते है|