*जब हम तरल पदार्थ को तेजी से घुमाते हैं तो इसके भारी कण तल में इकट्ठे हो जाते हैं, जबकि हल्के कण ऊपर रहते हैं। इसमें किस सिद्धांत का उपयोग होता है?*
1️⃣ अपकेंद्रीकरण में
2️⃣ प्रभाजी आसवन में
3️⃣ वाष्पीकरण में
4️⃣ निस्यंदन में
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सही उत्तर है...
➲ 1️⃣ अपकेंद्रीकरण में
✎... जब हम तरल पदार्थ को तेजी से घुमाते हैं, तो उसके भारी कण तल में इकट्ठे हो जाते हैं, जबकि इसके हल्के कण ऊपर तैरने लगते हैं, इस विधि का ‘अपकेंद्रीकरण सिद्धांत’ का उपयोग होता है। ‘अपकेंद्रीकरण का सिद्धांत’ एक ऐसी तकनीक होती है, जिसमें मिश्रण के ठोस और भारी कण तो तल के नीचे बैठ जाते हैं तथा हल्के कण द्रव के ऊपर तैरने लगते हैं।
इस तकनीक के अंतर्गत मिश्रण को एक ऐसी मशीन में, जिसे ‘अपकेंद्रीय यंत्र’ कहा जाता है। उस मशीन में मिश्रण को डालकर तेजी से घुमाया जाता है, जिससे मिश्रण पर अपकेंद्रीय बल कार्य करता है और भारी कण केंद्र के तल में बैठने लगते हैं तथा हल्के क्रम में ऊपर तैरने लगते हैं। किसी भी कोलाइडल विलयन के कण इसी विधि से पृथक किए जाते हैं।
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