Hindi, asked by s211910amaddisetty, 5 months ago

जब कभी मछेरे को फेंका हुआ तो मुझे अपने पूर्वजों की

फैला जाल याद हो आती है.

समेटते हुए देखता हूँ जो कभी फूलों को रंग , जाति , वर्ग

तो अपना सिमटता हुआ अथवा कबीलों में नहीं बाँटते थे

स्व 'याद हो आता है और समझते रहे थे कि

जो कभी समाज , गाँव और देश एक बाग है

परिवार के वृहत्तर परिधि में समाहित था । और मधु – मनुष्यता

सर्व की परिभाषा बनकर, जिससे जीने की अपेक्षा होती है ।

और अब केंद्रित हो किंतु अब

गया हूँ मात्र बिदु में । बाग और मनुष्यता

जब कभी अनेक फूलों पर ,शिलालेखों में जकड़ गई है

बैठी , पराग को समेटती मात्र संग्रहालय की जड़ वस्तुएँ

। मधुमक्खियों को देखता हूँ

निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए

I. कविता में स्व 'शब्द का आशय है

( क ) धन , संपत्ति , दौलत ( ब ) अपना , अपनापन , लगाव

( ग ) कल्याण , हितभावना , भलाई ( घ ) प्रशासन , शासन, अनुशासन ।

II. किसी समय में कवि के स्व की सीमा थी-

( क ) अपने माता - पिता तक ( ब ) अपनी पत्नी और बच्चों तक

( ग ) पूरे समाज और गाँव तक ( घ ) अपने घनिष्ठ मित्रों तका



III. पुराने समय में कवि के पूर्वज विश्वास करते थे

( क ) रंग के आधार पर देशवासियों के विभाजन में ( ब ) जाति के आधार पर देशवासियों के वर्गीकरण में ( ख ) भाषा एवं धर्म के आधार पर देश के बटवारे में ( घ ) भिन्न वर्गों एवं जातियों की एकता में

IV. देश को एक बाग माना गया है क्योकि यहाँ विविध प्रकार के ...

( क ) फूल होते है (ख) तितलियाँ होती है

( ग ) लोग रहते है ( घ ) पशु - पक्षी रहते है ।

V. काव्यांश का संदेश है-

( क ) मनुष्यता की परिभाषा बदल गई है ( ब ) मनुष्यता जड वस्तु बनकर रह गई है

( ग ) मनुष्यता का स्वरूप संकीर्ण हो गया है । ( घ ) मनुष्यता संगठन में नाही विघटन में देखी जाती है ।​

Answers

Answered by Madankumar808103
7

Answer:

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जब कभी मछेरे को फेंका हुआ तो मुझे अपने पूर्वजों की

फैला जाल याद हो आती है.

समेटते हुए देखता हूँ जो कभी फूलों को रंग , जाति , वर्ग

तो अपना सिमटता हुआ अथवा कबीलों में नहीं बाँटते थे

स्व 'याद हो आता है और समझते रहे थे कि

जो कभी समाज , गाँव और देश एक बाग है

परिवार के वृहत्तर परिधि में समाहित था । और मधु – मनुष्यता

सर्व की परिभाषा बनकर, जिससे जीने की अपेक्षा होती है ।

और अब केंद्रित हो किंतु अब

गया हूँ मात्र बिदु में । बाग और मनुष्यता

जब कभी अनेक फूलों पर ,शिलालेखों में जकड़ गई है

बैठी , पराग को समेटती मात्र संग्रहालय की जड़ वस्तुएँ

। मधुमक्खियों को देखता हूँ

निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए

I. कविता में स्व 'शब्द का आशय है

( क ) धन , संपत्ति , दौलत ( ब ) अपना , अपनापन , लगाव

( ग ) कल्याण , हितभावना , भलाई ( घ ) प्रशासन , शासन, अनुशासन ।

II. किसी समय में कवि के स्व की सीमा थी-

( क ) अपने माता - पिता तक ( ब ) अपनी पत्नी और बच्चों तक

( ग ) पूरे समाज और गाँव तक ( घ ) अपने घनिष्ठ मित्रों तका

III. पुराने समय में कवि के पूर्वज विश्वास करते थे

( क ) रंग के आधार पर देशवासियों के विभाजन में ( ब ) जाति के आधार पर देशवासियों के वर्गीकरण में ( ख ) भाषा एवं धर्म के आधार पर देश के बटवारे में ( घ ) भिन्न वर्गों एवं जातियों की एकता में

IV. देश को एक बाग माना गया है क्योकि यहाँ विविध प्रकार के ...

( क ) फूल होते है (ख) तितलियाँ होती है

( ग ) लोग रहते है ( घ ) पशु - पक्षी रहते है ।

V. काव्यांश का संदेश है-

( क ) मनुष्यता की परिभाषा बदल गई है ( ब ) मनुष्यता जड वस्तु बनकर रह गई है

( ग ) मनुष्यता का स्वरूप संकीर्ण हो गया है । ( घ ) मनुष्यता संगठन में नाही विघटन में देखी जाती है ।

Answered by sanjayyadav1303
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Explanation:

किसी समय में कवि की सीमा थी

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