जब खामोश निगाहों से बात होती है,
तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
हमतो बस खोये ही रहतें हैं उनके ख्यालों में,
पता ही नही चलता कब दिन कब रात होती है।
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पता ही नहीं कब दिन कब रात होती है,
हमारी हर बात में उनकी ही बात होती है,
वो बेखबर है ये हम अभी जानते है मगर
यहां हर पहर उनकी रूह हमारे साथ होती है
बंद करो आंखे तो दीदार उनका ही,
हूं जब भी अकेले एहसास उनका ही,
ना जाने क्या हुआ कुछ पता नहीं
क्यों हर पल वो हमारे साथ होती है
क्या ऐसे ही मोहबब्त की शुरुआत होती है ??
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