जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डूबा जाता है तो वह भूरे रंग का हो जाता है| लोहा कॉपर सल्फेट के घोल में से कॉपर को विस्थापित कर देता हैं|
Fe+CuSO4 -------- FeSO4+Cu
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Explanation:
हमें पता है कि, अधिक क्रियाशील धातु कम क्रियाशील धातु के विलयन से उस धातु को विस्थापित कर देता है.
लोहा, तांबे से अधिक क्रियाशील होता है, इसलिये लोहा के विलयन से तांबे को विस्थापित कर देता है. विस्थापित तांबा लोहे की कील के ऊपर चिपक जाता है जिससे लोहे की कील का रंग भूरा हो जाता है.
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Answer:
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग नीले (CuSO4)से बदलकर हरा (FeSO4) हो जाता है क्योंकि लोहा कॉपर की अपेक्षा अधिक सक्रिय धातु है। यह कॉपर सल्फेट के गोल में से कॉपर को विस्थापित करने की क्षमता रखता है तथा आयरन सल्फेट विलयन बनता है।
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