Hindi, asked by Maria123456789, 1 year ago

जब मै एक दूरसथ गांव गयी
essay in hindi

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Answered by NightFury
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आज आपको गाँव की सैर पर  ले चलता हूँ, आज मैने सोचा कि हम लेखक भावों की अभिव्यक्ति के सिवा पाठकों को दे भी क्यां सकते हैं।तो चलो शुरू करें मेरे साथ गाँव का ये सफर ,मै उत्तराखण्ड के पहाड़ी गाँव ढ़ामक का निवासी हूँ,मुख्य राजमार्ग से जुड़ा होने के कारण एवं प्राकृतिक दृष्टी से मनमोहक यह गाँव आगन्तुक के लिए मनमोहक है,लेकिंन इसी मनमोहकता के साथ समस्त गाँवों की सच्चाई बंयाँ कर रहा हूँ,एक समय संस्कृति एवं आपसी भाईचारे का केन्द्र रहे इन गाँवों के पुराने दरख्त आज भी खड़े हैं,जिनके नीचे बैठकर बड़े बुजर्ग महफिल सजाया करते थे,इन महफिलों में गाँव समाज की खुशहाली की बातें होती थी,लेकिन समय के साथ गाँव भी बदला ,पुराने लोग नहीं रहे,मेहनत करने का मिजाज बदला,युवा सुखद भविष्य की तलाश में शहर की तरफ चले ।जो शहर गया वो शहर का ही होकर रह गया । टीवी इंटरनेट की दस्तक ने गाँव की संस्कृति पर प्रहार किया,बड़े बुजुर्गों की अहमियत घटी ।खैर अब वर्तमान पर गौर करते हैं ,आपको कच्चे मकानों की जगह पक्के मकान अवश्य दिख रहे होंगे लेकिंन इन में रहने वाले वाशिन्दे भी वक्त की तलाश में है,जब वह भी शहर की तरफ चल निकलें। इन सबके पीछे कारण कृषि के प्रति रूझान में कमी,स्वास्थ्य-शिक्षा का उचित प्रबंधन नहीं ।हाँ अगर गाँव में कुछ दिखने को मिलता है तो राजनीति का रंग,जो गाँव की दिशा-दशा सुधारने में कामयाब नहीं हो पाया ।आज हाल यह है सरकारी योजनाओं चाहे वह आधार हो,पहल हो या फिर राशन कार्ड बनवाना हो गाँव के लोगों को कई किलोमीटर जाकर यह काम करवाना पड़ता है । दूसरी तरफ जिनके घर पर कोई जवान आदमी नहीं उनको तो दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं ।हाँ आज भी स्वच्छ हवा-पाणी गाँव में मौजूद हे लेकिन हवा-पाणी के सहारे जीवन यात्रा तय नहीं हो शक्ति । गाँव के इस दुख दर्द भरे सफर के साथ आप सबका धन्यवाद ।

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