जब मुझे डर लगा था इस शीर्षक से एक अनुच्छेद लिखो |
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जब मुझे बहुत डर लगा था……’ ‘मैं जब छोटा था……’
उस समय की बात है, जब मैं बहुत छोटा था। बारिश का समय था। आकाश में काले बादल छाए हुए थे। मैं बाहर खेल रहा था। बादलों में गड़गड़ाहट हो रही थी। अचानक उसी समय एक भयंकर गर्जना ने मेरा दिल दहला दिया। उस आवाज़ को सुनकर मैं बहुत डर गया। डर के मारे मैं काँप रहा था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ। माँ ने भी वह आवाज़ सुनी थी। वह मुझे देखने घर से निकल आईं। मेरी हालत देखकर माँ भी घबरा गई। माँ मुझे जल्दी घर के अंदर ले गई। माँ ने बताया कि बारिश के दिनों में अकसर बिजली गिरती है। उस दिन के बाद में कभी बारिश में घर से बाहर नहीं निकला।
मैं एक अच्छा बालक हूँ। मैं सदैव बड़ों का कहना मानता हूँ। सबका आदर करता हूँ। मैं सदैव यह प्रयास करता हूँ कि सबकी सहायता करूँ और किसी को कष्ट न दूँ। समय पर पढ़ाई करता हूँ और अपने मित्रों की सहायता भी करता हूँ। मेरे अंदर भी कुछ कमियाँ हैं। मैं किसी की बात का जल्दी बुरा मान जाता हूँ। मैं कम खाता हूँ और अधिक बोलता हूँ। मुझे पढ़ना और क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है। खाने में दाल-चावल और पिज़्ज़ा अच्छा लगता है। दूध मैं रोज़ पीना पसंद करता हूँ। मुझे जिद्द करना पसंद नहीं है।
मेरी नानी मसूरी में रहती है। मैं आने वाली छुट्टियों में नानी के पास जाऊँगा। मेरी नानी बहुत अच्छी हैं। उन्होंने मुझसे वादा किया है कि वे मुझे सुरकंडा देवी और धनोल्टी लेकर जाएँगी। नानी के साथ मैं मसूरी में प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉण्ड से मिलने भी जाऊँगा। इसके साथ ही मैं मॉल रोड़ में अपने भाई-बहन के साथ खूब मौज-मस्ती करूँगा। वहाँ पर ट्राली भी है, जिस पर में मसूरी की सुंदर वादियों का आनंद लूँगा। वहाँ की सुंदर वादियों के मध्य मैं सुंदर चित्रकारी बनाऊँगा और कविताएँ भी लिखूँगा।
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