जब मुझे पहलि बार पुरस्कार मिला
निबंध
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Tunir Ghosh Dastidar asked in Hindi
need hindi nibandh on jab mujhe pehli baar puraskar mila
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Savitri Bisht answered this
47060 helpful votes in Hindi, Class V
मैं अपने माता-पिता की इकलौती संतान हूँ। उन्हें मुझसे बहुत अपेक्षाएँ हैं। लेकिन मैं सफल करने में असफल रहा हूँ। बात तब की है, जब में पाँचवी कक्षा में दाखिला हुआ था। नया माहौल और नए लोगों के व्यवहार के बारे में सोचकर में परेशान था। जब कक्षा में पहुँचा तो सबको देखकर डर भाग गया। सभी मुझे बहुत प्रेम करने लगे और हम सब बहुत अच्छे दोस्त बन गए। एक बार हमारी कक्षा अध्यापिका अनुपस्थित थीं। हम सब खेल रहे थे। रोहन हमसे बातें कर रहा था। वह आगे ही ओर चल रहा था लेकिन देख पीछे की ओर रहा था। उसने ध्यान नहीं दिया और वह गिर पड़ा। उसके पैर की हड्डी टूट गई। वह रो रहा था। हमें कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैंने तुरंत सबसे स्केल माँगा और रुमाल माँगे। उसके पैर के आसपास स्केल लगाए और रुमाल की सहायता से कस कर बाँध दिए। एक बच्चे को प्रधानाचार्य को सूचित करने के लिए कहा। तब तक हम रोहन को सँभालने लगे। प्रधानाचार्य ने तुरंत उसे अस्पताल पहुँचाया। मेरी इस समझदारी पर मुझे पुरस्कार दिया गया। मैं यह पुरस्कार पाकर बहुत प्रसन्न हुआ। मेरे माता-पिता को मुझे जो उम्मीद थी, मैंने वह पूरी की। मेरे माता-पिता की खुशी देखकर मेरी खुशी ओर बढ़ गई। यह मेरा पहला पुरस्कार था, जिसमें सबको खुशी थी। रोहन के माता-पिता ने मेरी तारीफ ही नहीं कि बल्कि उन्होंने भी मुझे बहुत सुंदर उपहार दिया। यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन था।
जब मुझे पहली बार पुरस्कार मिला (निबंध)
जब मुझे पहली बार पुरस्कार मिला तो मुझे बड़ी खुशी हुई थी। मेरे स्कूल में एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। भाषण का विषय था, विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व।
मेरा यह पसंदीदा विषय था। मुझे अनुशासन का महत्व पता था और मैंने हमेशा अधिक से अधिक अनुशासित जीवन जीने का प्रयास किया है। मैंने यह भाषण स्वयं तैयार किया था। इसमें किसी की भी मदद नहीं ली थी। विद्यालय में हुए वार्षिक समारोह में जब भाषण प्रतियोगिता आरंभ हुई तो तीसरे बारी में मेरा नंबर आया और मैंने जब भाषण देना प्रारंभ किया तो मैं बोलती चली गई।
मेरे द्वारा दिया गया भाषण सुनकर सब इतने प्रभावित हुए कि मेरा भाषण खत्म होने के बाद सबने जोर से तालियां बजाईं। बाद में जब पुरस्कारों की घोषणा हुई तो मेरे भाषण को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ था। यह मेरे जीवन का पहला पुरस्कार था अपने जीवन का पहला पुरस्कार प्राप्त करते हुए मुझे जो खुशी मिल रही थी, उसको मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती।
पहले पुरस्कार को प्राप्त करने की खुशी अलग ही होती है, यह मैंने उस दिन जाना। वह दिन आज तक मेरी स्मृतियों में अंकित है।
#SPJ3
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