जब मैंने एक घायल चिड़िया की मदद करी पर एक dairy
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जब तक इंसान और पर्यावरण के बीच संतुलन बना रहेगा तब तक दुनिया के अस्तित्व को कोई खतरा नहीं है। लेकिन विकास की दौड़ में इंसान ने पर्यावरण के बारे में ज्यादा सोचना छोड़ दिया है। मोबाइल के इस दौर में वैसे भी रेडिएशन के कारण शहरों में पक्षियों की कई प्रजातियां लुप्त होने की कगार में हैं। वहीं दूसरी ओर अपने शौक पूरा करने के लिए हम कभी भी उनकी जिंदगी के बारे में नहीं सोचते हैं और कई बार जाने अंजाने पक्षियों की जिंदगी संकट में पड़ जाती है। लेकिन एक इंसान ऐसा है जो ना सिर्फ इनके बारे में सोचता है बल्कि इनसे प्यार करता है और जरूरत पड़ने पर इन पक्षियों का इलाज भी कराता है। तभी तो राजस्थान के जयपुर शहर में रहने वाले रोहित गंगवाल इस साल अब तक 16 सौ से ज्यादा पक्षियों की जान बचा चुके हैं।
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प्रेरणा
घायल पक्षियों की जान बचाने में जुटा है एक जौहरी
By Geeta Bisht
May 13, 2016
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जब तक इंसान और पर्यावरण के बीच संतुलन बना रहेगा तब तक दुनिया के अस्तित्व को कोई खतरा नहीं है। लेकिन विकास की दौड़ में इंसान ने पर्यावरण के बारे में ज्यादा सोचना छोड़ दिया है। मोबाइल के इस दौर में वैसे भी रेडिएशन के कारण शहरों में पक्षियों की कई प्रजातियां लुप्त होने की कगार में हैं। वहीं दूसरी ओर अपने शौक पूरा करने के लिए हम कभी भी उनकी जिंदगी के बारे में नहीं सोचते हैं और कई बार जाने अंजाने पक्षियों की जिंदगी संकट में पड़ जाती है। लेकिन एक इंसान ऐसा है जो ना सिर्फ इनके बारे में सोचता है बल्कि इनसे प्यार करता है और जरूरत पड़ने पर इन पक्षियों का इलाज भी कराता है। तभी तो राजस्थान के जयपुर शहर में रहने वाले रोहित गंगवाल इस साल अब तक 16 सौ से ज्यादा पक्षियों की जान बचा चुके हैं।