जब मैंने पहली बार ऑनलाइन कक्षा अली विषय के बारे में बताते हुए डायरी लेखन कीजिए
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कोरोना का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ा है। अब स्कूल में क्लासरूम की बजाय घर पर कंप्यूटर या लैपटॉप पर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। इस वजह से बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों और माता-पिता की आंखों पर कंप्यूटर स्क्रीन की लाइट का बुरा असर पड़ रहा है।
ऑनलाइल क्लास की वजह से बच्चों का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है जिसकी वजह से कई पैरेंट्स की नींदें उड़ गई हैं। हालांकि, कुछ सावधानियां बरत कर आप अपने बच्चे की आंखों को प्रोटेक्ट कर सकते हैं।
बच्चों को दिनभर में 20 से 40 मिनट से ज्यादा देर तक कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल की स्क्रीन नहीं देखनी चाहिए। एक बार में 20 मिनट से ज्यादा समय तक स्क्रीन न देखें। 3 से 5 साल के बच्चों को 3 बार में 20-20 मिनट कर के ऑनलाइन क्लास लेनी चाहिए।
वहीं 5 से 15 साल के बच्चे पढ़ाई और एंटरटेनमेंट के लिए दिन में एक घंटा स्क्रीन पर बिता सकते हैं। 16 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम की कोई सीमा नहीं है लेकिन फिर भी इन्हें एहतियात बरतना जरूरी है।
covid-19 के दौरान पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में छात्र ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे हैं. यहां जानें पहली बार ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ रहे कुछ छात्रों की प्रतिक्रिया.लॉकडाउन के बीच ऑनलाइन क्लास अटेंड कर रहे - क्या है अभिभावकों और स्टूडेंट्स की प्रतिक्रियाकैसे बच्चों तक नोट्स पहुंचा रहे , आ रही ये दिक्कतें
covid -19 लॉकडाउन के बीच शिक्षा के प्रवाह को जस का तस बनाए रखने के लिए मोदी सरकार ने सभी स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का निर्देश दिया है. ज्यादातर स्कूलों ने इसे शुरू भी कर दिया है. टीचर ऑनलाइन माध्यम से बच्चों की क्लास ले रहे हैं. इसके लिए टीम, जूम ऐप, और वॉट्सएप जैसे तकनीकी ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे नोट्स भी बच्चों तक पहुंचाए जा रहे हैं.
इंडिया टुडे की एजुकेशन टीम ने ऐसे ही कुछ छात्रों से यह जानने की कोशिश की कि ऑनलाइन कक्षाएं कैसे काम कर रही हैं. आप भी जानें स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों के ये
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