जब मैंने पहली बार प्रार्थना सभा में भाग लिया
Essay in hindi
Answers
Answer:
जब मैंने किसी प्रार्थना सभा में भाग लिया
प्रार्थना करने से हमें एक आत्मिक शांति का अनुभव होता है, यह मैंने तब जाना जब मैंने पहली बार किसी प्रार्थना सभा में भाग लिया। वैसे तो हमारे विद्यालय में नित्य सुबह प्रार्थना होती थी, लेकिन नासमझी के कारण हम उस प्रार्थना को यूं ही हल्के में ले लेते थे, और बस औपचारिकता निभा देते थे। हम छोटे होने के कारण प्रार्थना का महत्व भी नहीं समझते पाते थे।
लेकिन एक घटना में मुझे प्रार्थना का महत्व चला। मेरी मम्मी माँ राधा-स्वामी सत्संग ब्यास से जुड़ी हुई हैं, जब मैं छोटी थी तो एक दिन वह मुझे अपने साथ आश्रम में ले गई। वहाँ जाने पर मुझे बेहद सुकून वाले वातावरण का अनुभव हुआ।
वहां पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया तब सब लोग खड़े होकर प्रार्थना करने लगे। मैं भी सब की देखा-देखी प्रार्थना करने लगी। उस समय मुझे एक आध्यात्मिक शांति का अनुभव हुआ। मुझे बहुत शांति और संतोष का अनुभव हुआ। तब मुझे प्रार्थना की शक्ति का एहसास हो गया। वहां का वातावरण चुंबकीय था और मुझे ऐसा लग रहा था कि ईश्वर कहीं आस-पास ही है। फिर तब से मैं नियमित प्रार्थना करने लगी जब भी मुझे अवसर मिलता है मैं नियमित प्रार्थना करती हूं और जब संभव होता है तो मैं माँ के साथ आश्रम जाकर प्रार्थना करती हूं। किसी मंदिर जाकर प्रार्थना करती हूं। किसी गुरुद्वारे जाकर प्रार्थना करती हूं। मुझे ऐसा लगता है कि मैं ईश्वर से जुड़ गई हूं यह मुझे अनोखी शांति देता है।
मेरे जीवन की उस पहली प्रार्थना सभा ने मेरे जीवन को बदल के रख दिया।