Hindi, asked by sumavasanth86, 5 hours ago

जब मिुष्य जंगिी था, र्िमािुष जैसा, उसे िािूि की जरूरत थी। उसकी जीर्ि रक्षा के लिए िािूि

बहुत जरूरी थे। असि में र्ही उसके अस्त्र थे। दााँत भी थे, पर िािूि के बाद ही उिका स्त्थाि था। उि

ददिों उसे जूझिा पड़ता था, प्रनतद्र्ंद्वर्यों को पछाड़िा पड़ता था, िािूि उसके लिए आर्श्यक अंग था।

फिर धीरे-धीरे र्े अपिे अंग से बाहर की र्स्त्तुओं का सहारा िेिे िगा। पत्थर के होिे और पेड़ की डािें

काम में िािे िगा। मिुष्य और आगे बढ़ा। उसिे धातुके हथथयार बिाए। जजिके पास िोहे के अस्त्र

और शस्त्र थे, र्े वर्जयी ह

(A)ि ददिों फकन्हें पछाड़िा पड़ता था?

(B) मिुष्य िे फकसके हथथयार बिाए?

(C) कौि-कौि वर्जयी हुए?

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Answers

Answered by rajdeepsinghanand262
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Answer:

a

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