Hindi, asked by parnikasaxena02, 9 months ago

जब मैं था तब हरि नहीं अब हरि हैं मैं नाहिं प्रेम गली अति सांकरी तामे दो ना समाधि prem.gali ki kya visheshta hoti hai?​

Answers

Answered by arfaqueen1593
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Answer:

what is this

Explanation:

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Answered by HAPPYBABY
0

Explanation:

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कबीरदास जी कहते हैं कि जहां घमंड होता है । अहंकार होता है वहां भगवान का वास नहीं होता है। जहां भगवान विराजते हैं वहां हम नहीं हो सकता। क्योंकि प्रेम की गली अत्यधिक तंग है ।उसमें अहंकार और ईश्वर का एक साथ नहीं रह सकते । अहंकार मनुष्य के लिए अभिशाप है ।अहंकारी व्यक्ति कभी भगवान को नहीं पा सकता। भगवान का अर्थ है प्रेम! और जहां सच्चा प्यार होगा वहां अहंकार नहीं हो सकता। प्रेम की गली में या तो भगवान रहेंगे या फिर अहंकार। अंहकारी व्यक्ति कभी भगवान के प्रेम को समझ नहीं सकता है।

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