Hindi, asked by suhani1256, 1 year ago

“जब मैं था तब हरि नहीं दोहे में 'मैं' शब्द का प्रयोग किस अर्थ में किया गया है ?*जल
तब हरि नहीं'- पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

Answers

Answered by jayeshkhattwani
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Answer:

यहााँ ‘मैं’ का प्रयोग अहंकार के दलए दकया गया है । कबीर कहते हैं दक जब तक मन में मैं रूपी अहंकार का भाव िा तब तक ईश्वर की प्रादप्त नहीं हो रही िी।जब मन से मैं रूपी अहंकार का नाश हो गया तब ईश्वर की प्रादप्त हुई ।अिाात जब ज्ञान का िीपक जला तब मन में छाया अंधकार िूर हो गया ।मन के दनमाल होने से ईश्वर से अदभन्नता का अनुभव होने लगा ।

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