जब मैं था तब …………. दीपक देख्या माहिं।"" का मूल भाव क्या है? लिखिए।
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जब मनुष्य का मैं यानि अहँ उसपर हावी होता है तो उसे ईश्वर नहीं मिलते हैं। जब ईश्वर मिल जाते हैं तो मनुष्य का अस्तित्व नगण्य हो जाता है क्योंकि वह ईश्वर में मिल जाता है। ये सब ऐसे ही होता है जैसे दीपक के जलने से सारा अंधेरा दूर हो जाता है।
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