Hindi, asked by janvideshmukh85, 11 months ago

Jab Maine Pehli Baar Pahadon Ko Dekha anuchchhed lekhan​

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Answered by XtylishAlok11
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नई दिल्ली से एयरपोर्ट जाने वाली मेट्रो में जब मैंने कदम बढ़ाये तो उसकी भव्यता देख कर मुझे गर्व का अनुभव हुआ .कई मायनो में ये मेरी जिंदगी में कई नई घटनाओ की  शुरुवात थी चाहे वो इस स्पेशल मेट्रो में बैठना हो अथवा पहली बार हवाई जहाज पर यात्रा करने का  सौभाग्य .खैर जब एयरपोर्ट पहुंचा तो देखा की मैं समय से ढाई घंटे पहले पहुँच गया हूं .कुछ देर एयरपोर्ट की सुंदरता निहारने के बाद जब मैं थक गया तो मुझे याद आया की घर से चलने से पहले मैंने अपना मोबाइल  रिचार्ज नहीं करवाया अतः तुरंत ही  अपने किसी परिचित को फोन करके अपने फोन में पैसे डलवाए . इसके बाद टाइम पास करने के लिए मैं अपने  सभी जान पहचान वालों से फोन पर बाते करने में व्यस्त हो गया .

कुछ देर बाद जब विमान की उद्घोषणा हुई तो मैं जरुरी सुरक्षा प्रक्रिया को निपटाने के बाद  पहली बार विमान में चढ़ने की उत्सुकता को दिल में छुपाये सधे  हुए कदमो से आगे बढ़ चला .कई सीधे और घुमावदार रास्तो पे चलते हुए जब मैंने पहली बार किसी  विमान में कदम रखा तो दिल से अपने इष्ट देव का नमन किया. एयर इंडिया का विमान अच्छी हालत में था .वैसे मेरा अनुमान था की बाकी सरकारी संस्थाओं की तरह इसका भी हाल वैसा ही होगा ,लेकिन इसके विपरीत मुझे प्रसन्नता का अनुभव हुआ .

पहली बार विमान यात्रा   से पहले मैंने कई बाते मन में सोची थी उसमे से एक थी  विमान परिचारिका  के हसींन और दिलकश चेहरे .लेकिन एयर इंडिया के विमान में जब उनको देखा तो घोर अप्रसन्नता का अनुभव हुआ .तमाम तरह के मेकअप और साज श्रृंगार के बावजूद वो सब  चालीस से  पार लग रही थी .अतः फिल्मो में देखा गया सीन जिसमे अदाकार बार बार घंटी बजा के इनको बुलाता है वो कार्यक्रम मैंने स्थगित कर दिया और खट्टे मन से चुप चाप खिडकी से बाहर  देखने लगा .

निर्धारित समय से आधा घंटा विलम्ब के बाद विमान रनवे पर दौड़ने के लिए तैयार हो गया .अधेड विमान परिचारिका  ने अपने हाथ हिला के सुरक्षा सम्बन्धी निर्देश देने लगी .जिसमे इमरजेंसी होने अथवा विमान के पानी में डूबने के बाद क्या क्या करना है . इन बातों को सुन के  मन में थोडा भय व्याप्त हो गया पहली बार विमान में चढ़ने की खुशी काफूर हो गयी   और उसकी सुरक्षा निर्देश पे ध्यान देने की बजाय मन दुर्घटना से सम्बंधित  भयानक बातों की कल्पना करने लगा .

सीट बेल्ट बांधने के बाद जब विमान ने रनवे पर दौडना शुरू किया तो मन ही मन मैं  घबराहट और उत्सुकता के मिले जुले भावों के साथ अपने देवी देवताओं को याद करने लगा . कुछ देर रनवे पे दौड़ने के बाद जोरदार आवाज के साथ जेट इंजन चालू हुआ और कुछ सेकंड में  विमान हवा में उठ गया .थोड़ी देर में विमान में सीट बेल्ट खोलने की उद्घोषणा हुई . विमान में मौजूद  परिचारिकाओं   ने सबको खाने पिने के सामान देना शुरू किया .उसके थोड़ी देर बाद आगे मौसम खराब होने की घोषणा के साथ सीट बेल्ट बाँधने का आदेश आया जिसका मैंने तत्काल पालन किया .थोड़ी देर बाद विमान को दो चार झटके लगे .मैंने मन ही मन इसे अंतिम यात्रा जान के सभी मन्त्र पढ़ने शुरू कर दिए . थोड़ी देर बाद विमान सहज स्थिति में आया तो  मैंने सोचा की अब जब तक बहुत जरुरी नहीं होगा विमान से यात्रा नहीं करूँगा .

खैर चार घंटे के सफर के बाद जब उद्घोषणा हुई की हम ओमान पहुँचने वाले हैं कृपया सीट बेल्ट बाँध ले .तो कुछ राहत महसूस हुई .लेकिन तत्काल दिमाग में विमान के लैंड होने के समय  लगने वाले झटके का दिल में ख्याल आया जिसका जिक्र चलने से पहले मेरे एक मित्र ने किया था  वो भी उस समय जब विमान मुड़ा हुआ  हवा में एक तरफ झुका हुआ था . मैं खुद को अपने हाल पे छोड के  होनी का इन्तेजार करने लगा ..

पूर्णरूप से सुरक्षित जब विमान लैंड कर के रुक गया तब दिल  में एक नयी प्रसन्नता का अनुभव हुआ जिसका जिक्र शब्दों में संभव नहीं है . उतरने के थोड़ी देर बाद मेरे कदम लगेज काउंटर की ओर बढ़ गए मैं जल्द से जल्द एयरपोर्ट से निकलना चाहता था .जहाँ बाहर मेरी कंपनी से कुछ लोग मेरा इंतजार कर रहे the

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