जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो पशु-पक्षी तक मुग्ध हो जाते हैं, शायर साहब! आप क्या समझते हैं संगीत को? इस संवाद को पढ़ो और बाताओ कि-(क) कहानी में इसके बदले किसने, क्यों और क्या बोला? तुम उसको लिखकर बताओ।
Answers
कहानी में 'जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो पशु-पक्षी तक मुग्ध हो जाते हैं, शायर साहब! आप क्या समझते हैं संगीत को?'
इसके बदले किसने, क्यों और क्या बोला निम्न प्रकार से है :
इसके बदले संगीतकार ने अपनी बात भूल जाने और राकेश की बात को ठीक ढंग से न सुनने पर कहा कि “जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो पशु-पक्षी तक मुँह की खा जाते हैं, गाजर साहब! आप क्या समझते हैं हमें गाजर साहब?”
**यह संव 'जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो पशु-पक्षी तक मुग्ध हो जाते हैं, शायर साहब! आप क्या समझते हैं संगीत को?' कक्षा 8 के पाठ्य पाठ्य पुस्तक दूर्वा के नाटक में नाटक पाठ से लिया गया है। इस पाठ के लेखक मंगल सक्सेना है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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Answer:
राकेश की बात को ठीक ढंग से न सुनने पर कहा कि “जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो पशु-पक्षी तक मुँह की खा जाते हैं, गाजर साहब! आप क्या समझते हैं हमें गाजर साहब?”