Sociology, asked by adityasingh1571, 5 months ago

जब सुनता था अपनी सांसे तेरा नाम सुनाई देता था चांद को जब भी देखूं तो तेरा ashk दिखाई देता था हर पल हर लम्हा बस तेरा ही चेहरा दिखता था तुझसे मिलने के पहले भी तेरा मेरा कोई रिश्ता था रिश्ता था रिश्ता था ​

Answers

Answered by nishat62
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Explanation:

wow u r really like a poet . expressing ur feelings like a lover

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