जब समग्र की प्रत्येक इकाई का अध्ययन किया जाता है तो इसे निम्न में से कहते हैं।
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Answer:
द्वितीयक समंकों से आप क्या समझते हैं? द्वितीयक समंकों के विभिन्न स्रोतों को समझाइए।
उत्तर:
द्वितीयक समंकों से आशय-द्वितीयक समंक वे होते हैं जो पहले से ही अन्य व्यक्तियों या संस्थाओं द्वारा संकलित व प्रकाशित किये जा चुके हैं। अनुसन्धानकर्ता अपने उद्देश्य के लिए उनका प्रयोग मात्र करता है। प्राथमिक समंक ही बाद वाले अनुसन्धान के लिए द्वितीयक समंक कहलाते हैं। द्वितीयक समंक प्रकाशित हो सकते हैं या अप्रकाशित हो सकते हैं। ग्रेगरी और वार्ड के अनुसार “द्वितीयक समंक वे होते हैं जिसका संकलन मौलिक रूप से किसी विशेष अनुसन्धान के लिए। किया गया हो, किन्तु उन्हें दोबारा किसी अन्य अनुसन्धान में प्रयुक्त किया गया है। द्वितीयक समंकों के स्रोतों को निम्नलिखित दो भागों में विभाजित किया जा सकता है
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