जब देश के भाग्य का निर्णय हो रहा हो तो व्यक्तियों के भाग्य को पूर्णतया
(A) याद करना चाहिए
(B) भुला देना चाहिए
(C) पकड़ना चाहिए
(D) मन में बैठा लेना चाहिए
Answers
सही उत्तर है, विकल्प...
(B) भुला देना चाहिए
व्याख्या:✎ ...
जब देश के भाग्य का निर्माण हो रहा हो तब व्यक्ति के भाग्य को पूर्णतया भुला देना चाहिए।
ये उद्गार महान क्रांतिकारी भगत सिंह ने फाँसी के फंदे पर झूलने से पहले व्यक्त किये थे। भगत सिंह का यह विचार था कि जब देश के भाग्य का निर्माण हो रहा हो तो व्यक्तियों के भाग को पूर्णतया भुला देना चाहिए। इसी इच्छा के साथ हमारी मुक्ति का प्रस्ताव सम्मिलित रूप में और विश्वव्यापी हो और देश की आजादी का आंदोलन अपने चरम सीमा पर पहुंचे, तो हमें फांसी दे दी जाए। अंग्रेज रूपी शोषक वर्ग यहां से चला जाए। भारत की जनता अपना देश स्वयं संभालेगी। इसी भावना के साथ हम फांसी पर खुशी-खुशी झूलने के लिए तैयार हैं। हम व्यापक समाजवाद की कल्पना करते हैं, जिससे हमारी मृत्यु बेकार ना जाए अर्थात संघर्ष करते हुए मृत्यु को प्राप्त करना एक आदर्श मृत्यु के समान है।
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