जगे हम,लगे जगाने विश्व,लोक में फैला फिर आलोक ,व्योमतम पुंज हुआ तब नष्ट ,अखिल संसृति हो उठी अशोक भावार्थ:-??
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Answer:
Gyan ka janma Bharat hi hua... Hum niswarthi hokar gyan ka prasar anya deshon me karne lage ...jiski vajah se agyan rupi andhakar ka cinash hua aur sab jag jaag utta...
OR
sabse pahile dhyan ka uday bharat me hi hua arthat sabse pahile ham jagrat hue phir hamne pure vishvay me dhyan ka prasar kiya iske karan samgrah sansar alokit ho gaya adhnayan rupi andhkar ka vinash hua aur sampurna shrushti ke sabhi dukh shlok dur ho gaye
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जगे हम, लगे जगाने विश्व, लोक में फैला फिर आलोक, व्योमतम पुंज हुआ तब नष्ट, अखिल संसृति हो उठी अशोक भावार्थ ?
भावार्थ : 'भारत महिमा' कविता कि इस पंक्ति के माध्यम से जयशंकर प्रसाद भारत देश की महिमा का गुणगान कर रहे हैं। कवि कहते हैं कि सबसे पहले ज्ञान का प्रसार हमारे भारत देश में ही हुआ था। ज्ञान के प्रति भारत ही सबसे पहले जागृत हुआ था।
हमारा भारत विश्व गुरु रहा है, इसने पूरे विश्व को अपने ज्ञान से आलोकित किया है। भारत के अलावा सब जगह अज्ञान रूपी अंधकार छाया हुआ था। भारत द्वारा फैलाए गए ज्ञान के प्रकाश ने पूरे विश्व को अज्ञानता के अंधकार से मुक्ति दिलाई और पूरी सृष्टि के दुख दर्द दूर हो गए।
#SPJ3
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