Hindi, asked by dkpal1556, 8 months ago

जग जीवन में जो चिर महान कविता का मूल भाव अपने शब्दों में लिखिए​

Answers

Answered by malmitul759
1

Answer:

जग जीवन में जो चिर महान

जग जीवन में जो चिर महानसौंदर्य पूर्ण और सत्य प्राण,

जग जीवन में जो चिर महानसौंदर्य पूर्ण और सत्य प्राण,मैं उसका प्रेमी बनूं नाथ,

जग जीवन में जो चिर महानसौंदर्य पूर्ण और सत्य प्राण,मैं उसका प्रेमी बनूं नाथ,जो हो मानव के हित समान।

जग जीवन में जो चिर महानसौंदर्य पूर्ण और सत्य प्राण,मैं उसका प्रेमी बनूं नाथ,जो हो मानव के हित समान।जिससे जीवन में मिले शक्ति,

जग जीवन में जो चिर महानसौंदर्य पूर्ण और सत्य प्राण,मैं उसका प्रेमी बनूं नाथ,जो हो मानव के हित समान।जिससे जीवन में मिले शक्ति,छूटे भय संसार, अंधभक्ति,

जग जीवन में जो चिर महानसौंदर्य पूर्ण और सत्य प्राण,मैं उसका प्रेमी बनूं नाथ,जो हो मानव के हित समान।जिससे जीवन में मिले शक्ति,छूटे भय संसार, अंधभक्ति,मैं वह प्रकाश बन सकूं नाथ,

जग जीवन में जो चिर महानसौंदर्य पूर्ण और सत्य प्राण,मैं उसका प्रेमी बनूं नाथ,जो हो मानव के हित समान।जिससे जीवन में मिले शक्ति,छूटे भय संसार, अंधभक्ति,मैं वह प्रकाश बन सकूं नाथ,मिल जाए जिसमें अखिल व्यक्ति।

पाकर प्रभु, तुमसे अमर दान,

पाकर प्रभु, तुमसे अमर दान,करके मानव का परित्राण,

पाकर प्रभु, तुमसे अमर दान,करके मानव का परित्राण,ला सकूं विश्व में एक बार,

पाकर प्रभु, तुमसे अमर दान,करके मानव का परित्राण,ला सकूं विश्व में एक बार,फिर से नवजीवन का विहान।

Explanation:

HOPE THIS IS USEFUL FOR YOU

MARK ME AS A BRAINLIST

Similar questions