जग-जीवन में जो चिर महान,सौंदर्यपूर्ण और सत्यप्राण,मैं उसका प्रेमी बनूं नाथा
जिससे मानव-हित हो समान। जिससे जीवन में मिले शक्ति छूटे भय-संशय, अंधभक्ति, is Kavita mein kavi kaisa prakash banna chahta hai
Answers
Answered by
0
Answer:
ok. plz. mark me. as. brainly.
Similar questions