जगत की ज्योति जो मेरे पीछे हो लेगा स्टोर in own sorry in Hindi pls tell fast
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बाइबल के अनुसार इस जहाँ में अंधकार नाम की कोई चीज नहीं थी, परंतु शैतान के अहंकार के कारण अंधकार अस्तित्व में आया। इस अंधकार को सीमा में परमेश्वर की आत्मा ने बाँध दिया और पृथ्वी के स्थल को जल के भीतर से निकालकर उस पर जल की सीमा को निर्धारित किया तथा आदम को इस पृथ्वी का प्रथम राजा बनाया।
शैतान के बहकावे में आकर आदम ने जो पाप किया, वह मनुष्य जाति में फैल गया और सब लोग मृत्यु के अधीन आ गए। तब परमेश्वर ने नूह नबी के समय फिर जल प्रलय द्वारा अर्थात पानी के द्वारा पाप का अंत किया और फिर से एक नई पृथ्वी का निर्माण किया। साथ ही प्रतिज्ञा की कि अब से लेकर जब तक अंतिम न्याय न हो, तब तक पृथ्वी पर हर मौसम अपने समयानुसार होता रहेगा और अब मानव का इस तरह नाश नहीं किया जाएगा।
परमेश्वर ने समयानुसार मनुष्यों से संपर्क बनाए रखा। अब्राहम के समय में लोग वेदी बनाकर, उस पर भेंट चढ़ाकर परमेश्वर से संपर्क स्थापित करते थे। यह क्रम मूसा नबी के समय ईसा से 1200 वर्ष पहले आरंभ हुआ। ईसा मसीह तक व्यवस्था या कानून के मानने और ना मानने पर परमेश्वर से संपर्क बनता और टूटता रहा, लेकिन ईसा मसीह ने स्वयं आकर सारी व्यवस्थाओं का अंत अपने में कर दिया। जो लोग अंधकाररूपी पापमय जीवन जी रहे थे, उनमें ज्योति बनकर आए यीशु मसीह के ये दावे उन्हें ईश्वर सिद्ध करते हैं।
उन्होंने कहा :
* 'मार्ग, सत्य और जीवन मैं ही हूँ,
* मैं ही पुनरुत्थान और जीवन हूँ,
* मैं जीवन की रोटी हूँ,
* मैं जीवन का जल हूँ,
* मैं जगत की ज्योति हूँ,
* अच्छा चरवाहा मैं हूँ,
* मैं प्रथम और अंतिम, अल्फा और ओमेगा हूँ,
* मैं जो हूँ सो हूँ ।'
यीशु मसीह ने जो ज्योति जलाई, वह बारह शिष्यों ने सारे संसार में फैलाई। जिसने सूर्य, चन्द्रमा, तारे और ग्रह बनाए उसने कहा कि मैं इन ज्योतियों की ऊर्जा का स्रोत हूँ। मैं जगत की ज्योति हूँ।
यह संदेश एक आज्ञा के तौर पर उनके चेलों को दिया गया कि संसार, शरीर एवं शैतान के अंधकार को यीशुरूपी ज्योति से दूर भगाना है और जो कोई अंधकार से इस ज्योति में आना चाहेगा, उसका जीवन भी ज्योतिर्मय होगा।