Hindi, asked by pawanpawanvaishnav47, 1 month ago

*जगति किं करणीयम्?* 1️⃣ बहु शुद्धीकरणम् 2️⃣ शुद्धी करणम् 3️⃣ अल्प शुद्धीकरणम् 4️⃣ किमपि न​

Answers

Answered by anshukumary63
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Answer:

साम्प्रतं) वायुमण्डलं भृशं दूषितं (जातम्)। निर्मलं जलं न हि (अस्ति)। भक्ष्यं कुत्सितवस्तुमिश्रितं (अस्ति)। धरातलं समलं (जातम्)। (अतः) जगति तु अन्तः बहिः बहुशुद्धीकरणं करणीयम्

अभी वायुमंडल बहुत ज्यादा खराब हो चुका है। साफ पानी भी नहीं है। खाना भी ख़राब चीज़ों की मिलावट से बनता है। पृथ्वी मैली हो चुकी है। इसीलिए दुनिया में अंदर बाहर से बहुत सफाई करनी ज़रूरी है।

साम्प्रतं मनुष्याणां स्वार्थकारणतः सर्वत्र वायुप्रदूषणं जातम्। जलम् अपि अशुद्धम् अभवत्। तथा च मनुष्यस्य भोजनम् अपि अशुद्धवस्तुभिः युक्तं जातम्। अतः अस्यां परिस्थितौ विश्वस्तरे सम्पूर्णस्य पर्यावरणस्य शुद्धता आवश्यकी अस्ति। नो चेत् मनुष्यस्य जीवनं कठिनं भविष्यति।

हिन्द्यर्थ

आजकल मनुष्य के स्वार्थ की वजह से हर जगह पर वायु प्रदूषण होता है। पानी

भी अशुद्ध हो चुका है। और साथ ही साथ मनुष्यों का भोजन भी अशुद्धि से युक्त हो चुका है। अतः ऐसी परिस्थिति में वैश्विक स्तर पर सम्पूर्ण पर्यावरण की शुद्धता करना आवश्यक है। अन्यथा मनुष्य का जीना कठिन होगा

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