जहाँ चाह होती है, वहाँ राह निकल आती है, इस सुवचन पर आधारित अस्सी शब्दों तक कहानी लिखिए।
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जहां चाह होती है वहां राह निकल आती है
मेहनती रोहन अपनी मां के साथ गांव में रहता था| वह बहुत गरीब था | बचपन में ही उसके पिता की मृत्यु हो गई थी | रोहन की पढ़ाई लिखाई व उसके भरण पोषण की जिम्मेदारी उसकी मां पर ही थी | मां सब्जियां बेचकर जो चलाती थी| रोहन बहुत ही होशियार था| वह हमेशा बुद्धिमानी व चतुराई से कार्य करता था |जीवन में एक सफल इंसान बनकर दूसरों की सेवा करना ही उसका लक्ष्य था| एक दिन अचानक बीमार पड़ने के कारण मां सब्जियां बेचने नहीं जा पाए | दवा खाने के बाद मां की तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ, बल्कि हालत और भी खराब होती गई | रोहन ने बड़े डॉक्टर से मां का इलाज करवाया| घर में जितने भी पैसे दे सारे मां के इलाज में खर्च हो गए | डॉक्टर ने मां को 1 दिन आराम करने की सलाह दी |
सारे पैसे खर्च होने के कारण रोहन अपने विद्यालय की फीस जमा नहीं कर पाया | शिक्षक ने जब उसे बुलाकर फीस न जमा कराने का कारण पूछा तो रोहन ने सारी बात शिक्षक को बताई | शिक्षक ने प्रधानाचार्य से बात कर रोहन की उस महीने की फीस माफ कर दी |
रोहन की घर की स्थिति देखकर उसके पड़ोसियों ने उसे समझाया कि तुम पढ़ाई लिखाई छोड़ कर कोई नौकरी करो और अपनी मां की देखभाल करो | रोहन को अपनी पढ़ाई लिखाई नहीं छोड़ने थी | उसे पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना था , परंतु उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें | अगले महीने जब फिर से वह विद्यालय की फीस जमा नहीं कर पाया तो शिक्षक ने उसे एक सुझाव दिया कि तुम विद्यालय के बाद छोटे-छोटे विद्यार्थियों को पढ़ाया करो ,उससे तुम्हें थोड़ी आर्थिक मदद मिलेगी | रोहन भी इस बात के लिए मान गया | उसने अपने शिक्षक की सहायता से छोटे बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और अपने मित्र की सहायता से सुबह घर-घर अखबार पहुंचाने का कार्य करने लगा |
मां अपने बेटे को इस तरह कड़ी मेहनत करते देख परेशान हो गई , परंतु रोहन ने मां को प्यार से समझाया कि अब वह बड़ा हो गया है | अपने बेटे की बड़ी-बड़ी बातें सुनकर मां की आंखों में आंसू आ गए | देखते-ही-देखते रोहन के पास रह सारे पैसे जमा हो गए और उसने वे पैसे अपनी मां को दिए और विद्यालय की फीस भी जमा कर दी | पढ़ाई में कड़ी मेहनत करके रोहन इस वर्ष परीक्षा में अव्वल आया और विद्यालय ने उसे आगे की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति देना शुरू किया | इस तरह रोहन ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने घर को भी संभाला और आगे चलकर वह एक डॉक्टर बन गया | गांव के लोग रोहन की तरक्की देखकर बस यही कहते थे , 'जहां चाह होती है वहां राह निकल आती है | '