जहां क्रिया का केंद्र--बिंदु कर्म हो उसे क्या कहते हैं?
Answers
Explanation:
वाच्य: वाच्य का अर्थ है बोलने का विषय। अतः क्रिया के जिस रुप से पता चले की क्रिया का मुख्य विषय कर्ता है ,कर्म है अथवा भाव उसे वाच्य कहते हैं।
वाच्य के दो भेद हैं।
कृत्यवाच्य और अकृतवाच्य
कृत्यवाच्य : इसमें कथन का केंद्र कर्ता होता है ।कर्म गौण होता है । कृतवाच्य में क्रिया अकर्मक भी हो सकती है और सकर्मक भी।
अकृतवाच्य : जिन वाक्यों में करता गौण या लुप्त होता है उसे अकृतवाच्य कहते हैं। अकृतवाच्य के दो भेद है : कर्मवाच्य और भाववाच्य।
कर्मवाच्य : किस वाक्य में केंद्र बिंदु कर्ता ना होकर कर्म हो उसे कर्मवाच्य कहते हैं।
भाववाच्य: जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता ना होकर अकर्मक क्रिया का भाव प्रमुख हो उसे भाववाचय कहते हैं।
क) हम से रात भर कैसे जाया जाएगा।
ख) तानसेन को संगीत सम्राट कहा जाता है।
ग) उन्होंने कैप्टन की देशभक्ति का सम्मान किया।
घ) मां द्वारा अवनि को पढ़ाया गया।