Hindi, asked by rs0746882, 10 months ago

जहां मन है निर्भय और मस्तक है ऊंचा का सारांश​

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Answered by Anonymous
7

Explanation:

जहाँ मन भय से मुक्त हो और मस्तक सम्मान से उठा हो।

जहाँ ज्ञान स्वतन्त्र हो। जहाँ सन्सार संकीर्ण घरेलू दीवरों से टुक्डों में ना तोडा गया हो।

जहाँ विचार सच्चाई की गहराई से उपजतें हों।

जहाँ अथक प्रयास अपनी बाहें पूर्णता की ओर बढातें हो।

जहाँ विवेक की निर्मल धारा अन्ध-विश्व सों के मरुथल की नकारात्मक रेत में ना खो गयी हो।

जहाँ मन आपसे प्रेरित हो कर निरन्तर-प् गतिशील विचारों और कर्मठता की ओर बढता हो।

उस स्वतन्त्रत- ा के स्वर्ग में, हे परमपिता ! मेरे देश को जागृत कर दें।

in english

Where the mind is without fear and the head is held high;

Where knowledge is free; Where the world has not been broken up into fragments by narrow domestic walls;

Where words come out from the depth of truth;

Where tireless striving stretches its arms towards perfection;

Where the clear stream of reason has not lost its way into the dreary desert sand of dead habit;

Where the mind is led forward by thee into ever-widening thought and action

Into that heaven of freedom, my Father, let my country awake.

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