जहानाबाद की योजना से मुगल बादशाह की प्रभुसत्ता परिलक्षित हुई स्पष्ट करें
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जहानाबाद ज़िला भारत के बिहार राज्य में एगो ज़िला है। ज़िला के मुख्यालय जहानाबाद हे।[1][2] कुछ समय पहिले तक इ गया जिला के भाग हल।पुराना समय मे विशाल मगध साम्राज्य के अंग हल।मध्यकाल के शुरुआत में अग्रहार के रूप मे भेलावर के वशिष्ठ शर्मन् नाम के ब्राह्मण के अग्रहार के रूप मे इ जिला के बहुत बडा क्षेत्र मिलल हल।बाद में मुस्लिम सेना से भेलावर राज केयाल राज पंडुई राज के भीषण संघर्ष होएल।अकबर के काल मे इ पुरा क्षेत्र मुगल सत्ता के अधीन आ गेल तथा भेलावर केयाल आउ पंडुइ पर कुछ कर लगा के मुगल सत्ता के अधीन राजा स्वीकार कर लेल गेल।औरंगजेब के काल मे देकुड बाबा दुधेश्वरनाथ मंदिर के ले के मुगल सेना आउ केयाल - पण्डुई के सम्मिलित सेना से फिर युद्ध भेल।औरंगजेब के महीनों घेराबंदी के बाद भी युद्ध के कोई निष्कर्ष न निकलित देख केयाल के बाबा तिलक चौधरी उर्फ मुबारक चौधरी हिंदु मुस्लिम एकता के दिशा मे इस्लाम स्वीकार के कदम बढौलन।आउ बाद मे जा के बनतारा नाम के गाँव बसएलन।इनकर इ प्रयास के बाद भी औरंगजेब न मानल आउ इ शर्त रखलक कि यदि इ मंदिर के दुआरी रातभर मे पूरुब से पच्छिम घूम जाएत त न तोडम।कहल जा हे कि ओकरा कहिते मंदिर के दुआरी पूरुब से पच्छिम हो गेल।एही घटना के वर्णन स्वरूप मगध भोजपुर मे एगो बडी लोकप्रिय होली गावल जा हे _ देकुड तीरथ अजब बनी जहाँ बाबा दुधेश्वरनाथ। पूरुब दुअरिया पच्छिम होइ गइले , महिमा हइ अगम अपार।।औरंगजेब के बहिन अकाल के समय इ क्षेत्र मे बडी सेवा देलन हल एही कारण उनकर नाम जहाँआरा के नाम पर इ क्षेत्र के नाम जहाँबाद पडल।बाद मे मगही टोन के कारण इ जहानाबाद बन गेल।