जहान की खिलावट में जुलूल नहीं आएगा, गम-ए-तोहीन से कुबूल नहीं आएगा, मक्लूल की इबरात है, यह कुर्फा ग़ालिब, तुम्हारी फट जाएगी पर यह शेर समझ नहीं आएगा.
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वाह! क्या लिखा है
Tareef pe tareef
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