जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा' - पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
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Explanation:
बच्चे काम पर जा रहे हैं’ राजेश जोशी द्वारा रचित कविता में बच्चों से बचपन छीन लिए जाने की पीड़ा का वर्णन है। सामाजिक और आर्थिक विडंबनाओं ने बच्चों को खेलकूद और शिक्षा से दूर कर दिया है। जिस उम्र में बच्चों को खेलने -कूदने और पढ़ने - लिखने की जरूरत है उस उम्र में उन्हें बाल मजदूरी करनी पड़ रही है , मजबूरी के कारण काम पर जाना पड़ रहा है।
उत्तर : -
बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान इसलिए है क्योंकि इतनी छोटी उम्र में बच्चों को काम पर जाना उचित नहीं है यह उमर उनकी पढ़ाई करने की होती है और काम पर जाने से उनकी पढ़ाई में रुकावट आ जाएगी। यदि वे अभी से काम पर जाने लगेंगे तो वह स्कूल नहीं जा सकेंगे खेलकूद नहीं सकेंगे। वे अनपढ़ रह जाएंगे और जीवन में सही मार्ग प्राप्त नहीं कर सकेंगे। बचपन में ही बिगड़े हुए लोगों की संगत पाकर बच्चे बिगड़ जाते हैं ।उनकी बुद्धि का विकास ठीक प्रकार से नहीं हो सकेगा और वे पैसा कमाने के लालच में गलत रास्ते में चल पड़ेंगे।
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जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा' - पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा' ये है कि भारत एक ऐसा देश है, जहाँ पर किसी भी अजनबी को भी आसरा मिल जाता है। भारत देश हर किसी आश्रय देता है। ये भारत और भारतवासियों के हृदय की विशालता का वर्णन करता है।
व्याख्या :
कवि का कहने का भाव है कि भारत एक महान देश है। जहां पर किसी अनजान अजनबी को भी सहारा सरलता से मिल जाता है। ये भारत की विशालता और महान संस्कृति को प्रकट करता है, जो हर किसी को आसरा देता है।
इसी कारण भारत में अनेक बाहरी लोग आये और भारत ने उनको आश्रय दिया और वो लोग यहीं की संस्कृति में रच-बस गये। भारत की मिश्रित और बहुसंस्कृति इसी बात का प्रतीक है।
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