'जहां पहिया है' पाठ से आपको क्या प्रेरणा मिलती है ?
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लेखक पी० साईनाथ ने पाठ का नाम 'जहां पहिया है' बड़ी ही सूझबूझ के साथ रखा है। ... पहिया समय के साथ-साथ चलने की प्रेरणा देता है। इसी प्रेरणा को ग्रहण कर पुडुकोट्टई की महिलाओं ने अपनी आजादी और गतिशीलता को दर्शाने के लिए चिह्न रूप में साइकिल को चुना।
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उत्तर :
लेखक पी० साईनाथ ने पाठ का नाम ‘जहां पहिया है’ बड़ी ही सूझबूझ के साथ रखा है। इस पाठ में पहिया उन्नति एवं प्रगति का चिह्न है। पहिया समय के साथ-साथ चलने की प्रेरणा देता है। इसी प्रेरणा को ग्रहण कर पुडुकोट्टई की महिलाओं ने अपनी आजादी और गतिशीलता को दर्शाने के लिए चिह्न रूप में साइकिल को चुना। 70000 से भी अधिक महिलाओं ने प्रदर्शन एवं प्रतियोगिता जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में बड़े गर्व के साथ अपने नए कौशल का प्रदर्शन किया और अभी भी उनमें साइकिल चलाने की इच्छा शक्ति बाकी है। इस पहिए ने उनके विचारों और जीवनशैली को पूरी तरह से बदल दिया। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए पाठ का नाम ‘जहां पहिया है’ उपयुक्त एवं सार्थक प्रतीत होता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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