‘जहाँ रॉबर्ट साहब बहादुर जैसे कलेक्टर हों, वहाँ क्यों न ऐसा समाज हो' वाक्य में लेखक ने किस प्रकार के समाज की कल्पना की है?
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अच्छे
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वह बस अच्छे लोग न रहे
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जहाँ रॉबर्ट साहब बहादुर जैसे कलेक्टर हों, वहाँ क्यों न ऐसा समाज हो' वाक्य में लेखक के समाज की कल्पना है-लेखक व्यक्त करता है कि जब शासक सतर्क होता है तो लोगों को भी सतर्क होना चाहिए
Explanation:
"1) लेखक के अनुसार कलेक्टर अपने काम में बहुत सख्त और सतर्क है। वह चाहता है कि उसका हर व्यक्ति कड़ी मेहनत करे। वह अपने राज्य और देश के लिए विकास करना चाहते थे।
2) इसलिए लेखक व्यक्त करता है कि जब शासक सतर्क होता है तो लोगों को भी सतर्क होना चाहिए। वह आलसी नहीं है। वह अपने काम में बहुत सक्रिय है और राष्ट्र को विकसित करने के लिए अपना हर सेकंड देना चाहता है।"
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