Jahirat lekhan chatre rencoat paush
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जहांगीर का इतिहास
posted by Bandey July 07, 2017
अनुक्रम [छुपाएँ]
सलीम का विद्रोह-
सलीम का राज्याभिषेक-
जहांगीर की उपलब्धियां-
साहित्य प्रेमी-
वास्तुकला-
चित्रकला-
जहांगीर की धार्मिक नीति-
न्यायप्रिता-
सैनिक गुणो का अभाव-
Comments
जहांगीर के बचपन का नाम सलीम था । इनका जन्म 1569 ई. में हुआ । इनकी माता मरियम उज्जमानी थी । सलीम के पांच वर्ष के होते ही शिक्षा की उचित व्यवस्था किया था । अब्दुल रहीम खान खाना के अधिन रखकर शिक्षा की व्यवस्था किया था । 15 वर्ष की अवस्था में सलीम की सगाई आमेर नरेश भगवान दास की पुत्री के साथ कर दी गई । जहांगीर विलासी प्रवृत्ति के व्यक्ति थे, मदिरापान का अत्यधिक सेवन करने लगा । उनका लालन पालन अत्यधिक सावधानी व नाजुक रूप से होने के कारण अकबर, जहांगीर को दुव्र्यसन व मदिरापान से दुर रखना चाहते थे। जिसके कारण पिता पुत्र में दुश्मनी का रूप ले लिया ।
सलीम का विद्रोह-
सलीम का विद्राहे राज सिंहासन पर बैठने के लिए अति आतुर था। जब अकबर असीरगढ़ के घेरे में व्यस्त था तब सलीम ने इलाहाबाद में स्वयं को बादशाह घोषित कर दिया । अकबर इससे अत्यधिक नाराज हुआ सलीम ने क्षमा मांगी । अकबर ने सलीम को क्षमा करके बंगाल बिहार का गवर्नर बनाकर भेज दिया । फिर भी विद्रोह स्वभाव बना रहा ।
सलीम का राज्याभिषेक-
1605 ई. में जहांगीर, पिता की मृत्यु उपरातं गददी पर बैठा ।
जहांगीर की उपलब्धियां-
कला व संगीत पेम्र जहांगीर का विशषे उल्लेखनीय माना जाता है । 1611 ई. में जहांगीर ने अपने सैनिक कर्मचारी गयास बेग की कन्या मेहरून्निसा से कर लिया । मेहरून्निसा की रूप व लावण्यमयी से प्रभावित हो कर उसे नूरमहल की संज्ञा दिया आगे चलकर नूर महल से नूरजहां (विश्व ज्योति) कहा । जहांगीर की विलासीता एवं शराब के अत्यधिक सेवक के कारण सारी सल्तनत नूरजहां के हाथों में था ।
जहांगीर नाम मात्र के शासक रहे । नूरजहां ने राज सिंहासन के साथ-साथ कला व फैशन के शौकिन रहे । नये-नये फैशनों को जन्म दिया । विभिन्न इत्रों का आविष्कार किया गुलाब जल का प्रयोग प्रमुखता से करने लगी। जहांगीर नूरजहां की बुद्धिमत्ता चातुर्यता से प्रभावित होकर यहां तक कह डाला कि-
जहांगीर का इतिहास
posted by Bandey July 07, 2017
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सलीम का विद्रोह-
सलीम का राज्याभिषेक-
जहांगीर की उपलब्धियां-
साहित्य प्रेमी-
वास्तुकला-
चित्रकला-
जहांगीर की धार्मिक नीति-
न्यायप्रिता-
सैनिक गुणो का अभाव-
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जहांगीर के बचपन का नाम सलीम था । इनका जन्म 1569 ई. में हुआ । इनकी माता मरियम उज्जमानी थी । सलीम के पांच वर्ष के होते ही शिक्षा की उचित व्यवस्था किया था । अब्दुल रहीम खान खाना के अधिन रखकर शिक्षा की व्यवस्था किया था । 15 वर्ष की अवस्था में सलीम की सगाई आमेर नरेश भगवान दास की पुत्री के साथ कर दी गई । जहांगीर विलासी प्रवृत्ति के व्यक्ति थे, मदिरापान का अत्यधिक सेवन करने लगा । उनका लालन पालन अत्यधिक सावधानी व नाजुक रूप से होने के कारण अकबर, जहांगीर को दुव्र्यसन व मदिरापान से दुर रखना चाहते थे। जिसके कारण पिता पुत्र में दुश्मनी का रूप ले लिया ।
सलीम का विद्रोह-
सलीम का विद्राहे राज सिंहासन पर बैठने के लिए अति आतुर था। जब अकबर असीरगढ़ के घेरे में व्यस्त था तब सलीम ने इलाहाबाद में स्वयं को बादशाह घोषित कर दिया । अकबर इससे अत्यधिक नाराज हुआ सलीम ने क्षमा मांगी । अकबर ने सलीम को क्षमा करके बंगाल बिहार का गवर्नर बनाकर भेज दिया । फिर भी विद्रोह स्वभाव बना रहा ।
सलीम का राज्याभिषेक-
1605 ई. में जहांगीर, पिता की मृत्यु उपरातं गददी पर बैठा ।
जहांगीर की उपलब्धियां-
कला व संगीत पेम्र जहांगीर का विशषे उल्लेखनीय माना जाता है । 1611 ई. में जहांगीर ने अपने सैनिक कर्मचारी गयास बेग की कन्या मेहरून्निसा से कर लिया । मेहरून्निसा की रूप व लावण्यमयी से प्रभावित हो कर उसे नूरमहल की संज्ञा दिया आगे चलकर नूर महल से नूरजहां (विश्व ज्योति) कहा । जहांगीर की विलासीता एवं शराब के अत्यधिक सेवक के कारण सारी सल्तनत नूरजहां के हाथों में था ।
जहांगीर नाम मात्र के शासक रहे । नूरजहां ने राज सिंहासन के साथ-साथ कला व फैशन के शौकिन रहे । नये-नये फैशनों को जन्म दिया । विभिन्न इत्रों का आविष्कार किया गुलाब जल का प्रयोग प्रमुखता से करने लगी। जहांगीर नूरजहां की बुद्धिमत्ता चातुर्यता से प्रभावित होकर यहां तक कह डाला कि-
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