Hindi, asked by rahulsinghranawat2, 8 months ago

jahrili gas par visheshan​

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Answered by avats673
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Answer:

उल्लेखनीय है कि पिछले एक वर्ष से एक डंपर के माध्यम से लगभग 500/1000 मीटर क्षेत्र में एसईसीएल प्रबंधन द्वारा मिट्टी भराव कार्य काफी धीमी गति से किया जा रहा है। यहां की जमीन पूरी तरह से खोखली हो चुकी है। दरारे इतनी बड़ी है कि उसमें जानवर समा जाने से उनकी लाश का भी पता नहीं चल पाएगा। इन दरारो से लगातार जगहरीली गैसों का रिसाव हो रहा है। जहरीली गैसों और धुऑ के निकलने से लोगों को भी नुकसान पहॅुचा रही है। लेकिन एसईसीएल प्रबंधन का इस और कोई ठोस उपाय नहीं कर पा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार एनसीपीएच की अण्डर ग्राउण्ड खदान 1966 में खोली गई थी। अनवरत यहां की जमीन से एसईसीएल द्वारा कोयला निकालने का काम शुरू किया गया था। सारा कोयला निकालने के बाद 2004 में माईस को बंद कर दिया गया। माइंस बंद होने के बाद से आज तक खोखली हो चुकी जमीन में मिट्टी भराव का काम किया जा रहा है जो बीते एक वर्ष से कछुआ की गति से की जा रही है। किन्तु अधिकाशं बंद पडी खदाने जहरीले गैस गुफा के रूप में तब्दिल हो चुकी है और इससे निकलने वाली जहरीली गैस मानव जीवन के साथ साथ जानवरों के लिए भी खतरनाक साबित हो रही है। जिसके कारण मानव जीवन लगातार गम्भीर बिमारियों की चपेट में आ रहा है।

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