Hindi, asked by karan98886974, 1 year ago

Jai javan jai kisan essay in hindi

Answers

Answered by abhishek665
9
hey mate here is ur answer!!!!


aaj kal ki bhag daud ar farebi mein hm apni purani dor ko khi chod aaye hai jaha phle kisano ko hi sb kuch maana jaata tha ar unhi kisano ko log garib maante hai.

hm har din ,chlo kbhi kbhi to dukan jaate hi hai ar har din khaana v khaate hai kbhi ye socha hai ki ye khana jo tum kha rahe ho ise khane laayak bnane mein kitni mehnat lgti hai .ye sbjiyan kitni mushkil se kide makodo se bacha k bnai jaati hai .din bhar ki dhup se aasmano ki oor dekhta hua kisan garmi ki dino hmesha yahi sochta hai ki pta ni baarish ho ya na .

aanaz ko to kai log phaik v dete hai. lekin dosto ek baar phaikne se pahele 100 baar sochna kisano ki mehnat ko kabhi barbaad mt krna.

jai jawan jai kisan.

aradhyaSINHA: amazing thought
aradhyaSINHA: well done
Answered by adarsh08
6

ANSWER:

HOPE...THAT YOU MAY GET SATISFIED WITH THE ANSWER

जय जवान जय किसान भारत का एक प्रसिद्ध नारा है। यह नारा सबसे पहले 1965 के भारत पाक युद्ध के दौरान   भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था।यह नारा राष्ट्रीय एकता का मूलमंत्र है । हमारे   लिए इसका बहुत महत्त्व है- एक तो सैनिक दृष्टि से और दूसरा आर्थिक दृष्टि से । शास्त्रीजी ने जिस समय यह   नारा दिया, उस समय उनके मस्तिष्क में एक ओर तो देश की सैनिक शक्ति में वृद्धि करने का प्रश्न था और दूसरी   ओर देश की आर्थिक स्थिति को समुन्नत करने का ।शास्त्रीजी ने इसीलिए ‘जवान’ और ‘किसान’ की विजय और   सफलता का एक साथ उद्‌घोष किया ।

देश में भावनात्मक एकता स्थापित करने के लिए उन्होंने नारा लगाया- ‘जय जवान, जय किसान ।’ इस नारे ने जादू   का सा असर किया भारतीय सैनिकों पर । इसका इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने अपनी जान की परवाह न कर   पाकिस्तानी सैनिकों के दाँत खट्‌टे कर दिए और उनके गर्व को मिट्‌टी में मिला दिया ।इतना ही नहीं, भारतीय हिंदू   सैनिकों ने ही नहीं, उनके साथ भारतीय मुसलिम सैनिकों ने भी स्वदेश की रक्षा के लिए पाकिस्तानियों का डटकर   सामना किया । इससे पाकिस्तान के हौसले पस्त हो गए । उसे विवश होकर अपनी रक्षा के लिए संधि करनी पड़ी ।  

किसान अपनी मेहनत से खेतों में अनोखा आता है और हर नागरिक का पेट भरता है। खेतों में जितना अंगिका उधना   हमारा राष्ट्र मजबूत होगा। भारतीय किसान परिश्रम की जीती जागती मिसाल है प्रातः से लेकर शाम तक कठोर   परिश्रम करता है खेतों की जुताई करना, बीज बोना, पानी देना, फसल काटना आदि सभी काम परिश्रम युक्त हैं।   किसान ही अन पैदा कर हमारी भूख मिटाते हैं। सोचिए अगर किसान खेतों में अन्न उगाना बंद कर दें तो हमारा   क्या हाल होगा निश्चय ही किसानों के बलबूते पर ही हमारा अस्तित्व टिका हुआ है।

जय हिन्द!!!!

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