jainendra kumar ji ka hindi sahitya mai yogdaan bataye
Answers
Answered by
9
Explanation:
जैनेन्द्र जी ने व्यक्ति -मन की शंकाओं ,प्रश्नों तथा गुत्थियो का अंकन किया है। वे मात्र पश्चिम की नक़ल पर मनो-वैज्ञानिक साहित्य लेखन नही किया बल्कि अपनी प्रतिभा के द्वारा नई खोज की,जिससे हिन्दी साहित्य को नई दिशा मिली। इस अनूठे साहित्यकार का निधन सन १९८८ में हुआ।
Similar questions