Hindi, asked by manishayer, 1 year ago

Jaisa Karam waisa fal shirshak ke Aadhar par Kahani likhiye​

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Answered by rishi102684
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Explanation:

एक संत अत्यंत सरल स्वभाव के थे। वे जब भिक्षा मांगते थे, तो कहते थे परमात्मा के नाम पर दे दो। जो जैसा करेगा,वैसा ही भरेगा। उस नगर में एक कुलटा व्यभिचारिणी स्त्री रहती थी। जब वह स्त्री संत के वचन सुनती है की जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा तो वह सोचती है कि यह संत मुझे तो नहीं सुनाता है? उसके मन में पाप आ गया। उसने सोचा कि कैसे इस संत को मार दूँ? स्त्री ने दो लड्डू खूब घी मेवा आदि डालकर बनाए और उन में जहर मिला दिया। जब वह संत उस स्त्री के दरवाजे से गुजरा तो उसने कहा कि जो जैसा करेगा, वैसा ही भरेगा। स्त्री सुनकर बाहर आई, उसने संत से कहा कि यह दो लड्डू तुम्हारे लिए ही बनाए हैं। बहुत अच्छे हैं। इन्हें अभी खा लेना। ऐसा कहकर संत को दे दिए। संत तो सरल स्वभाव का था, उसने लड्डू ले लिए और आगे बढ़ गया। आज उसे भिक्षा कुछ ज्यादा ही मिल गई थी। वहां अपने कुटी पर आया। उसने भिक्षा में मिले अन्य पदार्थ खा लिए, लड्डू वैसे ही रहे। संत ने सोचा कि इतने अच्छे लड्डू हैं, इन्हें कल खा लूंगा।

उसी रात को उस स्त्री के पति और पुत्र कहीं बाहर से आ रहे थे। वे बहुत थक गए थे और भूख भी लग रही थी। दोनों ने सोचा कि संत की कुटी पर कुछ विश्राम कर लेते हैं। जब वह संत के पास पहुंचे तो संत ने उन्हें बैठाया। पूत्र ने कहा कि बाबा! भूख लगी है, कुछ खाने के लिए हो तो दीजिए। संत ने वे दोनों लड्डू एक पिता को और एक पुत्र को खाने के लिए दे दिए। लड्डू खाने के बाद दोनों का प्राणान्त हो गया। वे दोनो मर गये। जब वह स्त्री संत के पास आई तो सिर पटक कर रोने लगी कि यह लड्डू तो मैंने ही संत को मारने के लिए बनाए थे, यह क्या हो गया!

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