Jaise ko taisa Hindi story
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जैसे को तैसा
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एक बूढ़ा किसान था उसके तीन लड़के थे तीनों बहुत मजदूरी करते थे फिर भी गरीबी कम नहीं होती थी एक दिन बूढ़े किसान ने अपने तीन बेटे को बुलाया और कहा कि सुना है कि पास के गांव में एक नौकर की आवश्यकता है तुम में से कोई जाकर नौकरी कर ले ऐसा करने से हमें थोड़ा सहारा मिलेगा बहुत विचार के बाद यह फैसला हुआ कि बड़ा लड़का जाएगा बड़ा लड़का गया लेकिन वह एक दो महीने बाद हुआ हम उदास चेहरा लेकर वापस आ गया उसने कहा कि मालिक ने तो पैसे दिए नहीं और मुझ पर काम ना आने का आरोप लगा दिया उसके बाद सुनके सब को बहुत दुख हुआ और बीच वाले लड़के ने बड़े आत्मविश्वास के साथ वहां पर जाने के लिए सबके अनुमति ली पर कुछ दिनों बाद जमींदार ने उसे खाली हाथ वापस लौटा दिया यह सब देख कर उसके छोटे भाई को बहुत गुस्सा आया उसने पिताजी से उस जमीदार के पास जाने के लिए अनुमति मांगी बूढ़ा किसान छोटे लड़के को झा जाने नहीं देना चाहता था पर उसके जिद के आगे झुक गया वह छोटा लड़का जमींदार के पास पहुंचा जमींदार ने उसे ऊपर से नीचे देखा और कहां "अच्छा तो अब तुम मेरे घर का काम करोगे, तुम्हारे बड़े भाई तू किसी काम के नहीं निकले" तो लड़के ने कहा," मुझे मौका तो दीजिए ,मैं कड़ी मेहनत करूंग"l जमीदार ने कहा," यदि बताएं काम नहीं हुआ तो ,तुम्हें मजदूरी के पैसे नहीं मिलेंगेl" युवक बोला ,"मुझे शर्त मंजूर हैl" कुछ दिन तक जमीदार ने उसे खेत में काम करने के लिए भेजा वह मन लगाकर काम करने लगा जमीदार ने उसे बुलाकर कहा ,"कि देखो पहाड़ के पीछे बास के को प्ले निकली है, उसे जाकर बैल को खिलाओ, ध्यान रखना तुम को प्ले मत तोड़ना भैंस को ही ऊपर चढ़ा देना" जमीदार खुश हो रहा था कि इससे तो यह काम होगा नहीं और बाकी की मजदूरी भी नहीं देनी पड़ेगी उधर उधर युवक बैल को बास से बांधकर एक हाथ में चाबुक लेकर फटकार था और कहता ए बेल पेड़ पर चढ़ा l आते जाते लोग उसका मजाक उड़ाते हैं एक युवक ने यह जाकर जमीदार को बताया और जमींदार आया उसने उसने कहा ," मूर्ख क्या मेरी बैल को, जान से मार डालेगा " तब उसने चतुराई से उत्तर दिया और कहां,"कि मालिक देखिए ना यह कितना नासमझ बैल है 'मैंने से कहा कि आपका हुक्म है ,फिर भी यह ऊपर चढ़ने से इंकार कर दिया " जमींदार मार्क खा गया हूं और उसने अपना हुक्म वापस ले लिया l जमींदार मन नहीं अफसोस करता है , और उस युवक ने मन ही मन कहा ,"इस कुटिल शैतान को मैं ऐसा सबक सिखाऊंगा कि यह जिंदगी भर याद रखेगाl"
कुछ दिन बाद जमीदार ने नई चाल चली l उसने बोला "देखो मेरे मकान की छत पर साग सब्जियों उगाओ l वाह धूप और ताजी हवा बहुत है तुम वहां गोभी के पत्ते लगाने की तैयारी करो l" जमीदार ने सोचा वह छत पर गोभी के पत्ते कैसे उगाएगा l दूसरे दिन वह लड़का कुल्हाड़ी लेकर छत पर चढ़ गया छत के टुकड़े नीचे गिरने लगे और उसके शोर से जब उसकी नींद खराब होने लगी तो वह बाहर निकला l और उसने कहा,"अरे मूर्ख मैंने तुझे छत तोड़ने के लिए नहीं कहा था"l उस युवक ने नम्रता से उत्तर दिया," मालिक आपने कहा था ,कि गोभी के पत्ते उगांव उसके लिए तो इसे तोड़ना होगा ,खुदाई करनी होगी"
फिर जमीदार को अपना हुक्म वापस लेना पड़ा l एक बार भी जमीदार का का वार खाली गया l
फिर उसके बाद जमीदार ने उस युवक को कहा, "उस युवक से कहा कि कि बाहर गांव में सूखा पड़ा हुआ है , खेत सूख जा रहा है तुम उसे घर के अंदर ले आओ छांव में"l वह मन ही मन खुश होने लगाl कि यह तो संभव है ,फिर दूसरे - तीसरे दिन बाद वह सवेरे उठकर उसने दरवाजा तोड़ा lफिर बाद में उसने दीवार तोड़ना शुरू किया इस शोर जमीदार की पत्नी की नींद खुली lउसने उसे बहुत मना किया पर उसे अनसुना कियाl फिर बाद में उसने जमीदार को उठाया lजमीदार ने उसे कहा ,"हाय हाय तुम मेरी दीवार क्यों तोड़ रहे हो" उस युवक ने पहले उसे अनसुना कर दिया फिर थोड़ी देर बाद उसने हाथ जोड़कर कहा," कि तुम मेरी दीवार क्यों तोड़ रहे हो " उस युवक ने कहा, "मालिक आपने तो आदेश दिया था , कि खेत को घर में लेकर आओl इतना बड़ा खेत छोटे से घर में थोड़ी ना आएगा, इसलिए थोड़ा बड़ा बना रहा हूंl मालिक उसे तीन बार लगातार हार कर उसे अकल आ गई lऔर उसे हाथ जोड़कर कहा ,"कि अब मैं अब मैं तुम्हें ऐसा कोई काम नहीं दूंगा"l और फिर उसी दिन युवक का पूरा वेतन दे दिया l
उसने उसे वचन दिया कि वह आगे कभी किसी को नहीं ठागेगाll